अंत्येष्टि स्थलों की न बदली सूरत, हालात जस के तस
राप्ती नदी के सिसई घाट पर बना अंत्येष्टि स्थल बदहाल दो माह में हुआ था 600 शवों का संस्कार
बलरामपुर: कोरोना की दूसरी लहर में लगातार मौतों से शवों के अंतिम संस्कार में भी लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। आलम यह रहा कि लोगों को लकड़ियां भी बहुत मुश्किल से मिलीं। कोरोना का कहर शांत होने के बाद भी शवदाह स्थलों के हालात नहीं सुधरे। जिला मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर राप्ती नदी के सिसई घाट पर सबसे ज्यादा अंतिम संस्कार किए गए। इसके अलावा नगर क्षेत्र में टिन शेड के नीचे स्थित पांच अंत्येष्टि स्थलों पर दाह संस्कार हुए। अब जब कोरोना का प्रभाव कम हुआ है, तो भी जिम्मेदार शवदाह स्थलों के हालात सुधारने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। -जिला मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर सिसई गांव में शवदाह स्थल बना हुआ है। दशकों से यहां हिदू धर्म के लोग परिवारन का अंतिम संस्कार कराते आ रहे हैं। करीब 10 साल पहले शवदाह स्थल का सुंदरीकरण राज परिवार के सहयोग से कराया गया। शवों के दाह संस्कार वाली जगह के चारों तरफ बाउंड्रीवाल व छत का निर्माण कराया गया, जिससे बारिश में संस्कार में दिक्कत न हो। साथ ही आए लोगों के बैठने के लिए शेड के नीचे बेंच भी बनवाया गया है। इसके रखरखाव की जिम्मेदारी स्थानीय व्यक्ति को दी गई है।
वहीं, कोरोना की दूसरी लहर में दो माह के अंदर यहां करीब 600 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। यहां के डोम जियालाल चौधरी का कहना है कि संस्कार के लिए आम की लकड़ियां खत्म हो गईं थीं जो एक हजार से 1200 रुपये प्रति क्विटल में लोगों को खरीदनी पड़ी। वर्तमान में टिन शेड जर्जर हो गया है। मुख्य मार्ग से शवदाह स्थल तक पहुंचने के लिए बनी सीढि़यां जर्जर हो गईं हैं। पीने के लिए एकमात्र छोटा नल है, जिसका चबूतरा न होने से गंदगी जमा रहती है। शहर में पांच शवदाह स्थल:
शहर स्थित विशुनीपुर, अंधियारी वार्ड स्थित वाल्मीकि समाज व पंडा समाज कब्रिस्तान का निर्माण हाल ही में नगर पालिका प्रशासन की ओर से कराया गया है। प्रत्येक अंत्येष्टि स्थल पर 30-30 लाख रुपये की लागत से टिन शेड, बाउंड्रीवाल, हैंडपंप व बेंच का निर्माण कराया गया है। उतरौला मार्ग पर विधायक निधि से बना अंत्येष्टि स्थल व रानी तालाब स्थित शवदाह स्थल भी टिन शेड के नीचे है। दूर होंगी समस्याएं:
नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि शाबान अली ने बताया कि शहर क्षेत्र में दो अंत्येष्टि स्थल और बनवाए जाएंगे। इसके बाद नगर में सात शवदाह स्थल हो जाएंगे। दिपवा बाग व अचलापुर में अंत्येष्टि स्थल के लिए जमीन चिह्नित है। निर्माण के लिए शासन को 40-40 लाख रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। अंत्येष्टि स्थलों पर जो भी समस्याएं हैं, उन्हें दूर कराया जाएगा।