सीएम पर अभद्र टिप्पणी करने वाले डाक्टर की बढ़ी मुश्किलें, निलंबन की संस्तुति
सीएमओ ने चिकित्सक के खिलाफ निलंबन समेत अन्य कार्रवाई की संस्तुति की है।
बलरामपुर: आडियो वायरल होने के मामले में गाली देने वाले डाक्टर की मुश्किलें अब बढ़ने वाली हैं। सीएमओ ने चिकित्सक के खिलाफ निलंबन समेत अन्य कार्रवाई की संस्तुति की है।
बता दें कि एक सप्ताह पहले दो चिकित्सकों के बीच बातचीत गाली-गलौच में बदल गई। इसमें महाराजगंज तराई में तैनात रहे डा. सुहेल खान ने आशीष तिवारी को ताबड़तोड़ गालियां दी थी। बीच में मुख्यमंत्री का जिक्र करने पर उन्हें भी गालियां दे डाली थी। बाद में इसका आडियो वायरल कर दिया गया।
इस मामले में डा. सुहेल खान के साथ तुलसीपुर के अधीक्षक डा. सुमंत सिंह चौहान, डा.आशीष तिवारी भी हटाकर अलग तैनाती दी गई है। सुमंत सिंह चौहान नंदनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सुहेल खान को जिला मेमोरियल अस्पताल व आशीष तिवारी को जिला संयुक्त अस्पताल में तैनाती दी गई है।
मुख्यमंत्री को गाली देने के आरोप में घिरे डा. सुहेल के खिलाफ अब कार्रवाई की कवायद तेज हो गई है। मुख्य चिकित्साधिकारी ने डा. सुहेल के खिलाफ निलंबन समेत अन्य कार्रवाई की संस्तुति अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद से की है। संस्तुति के बाद माना जा रहा है कि देर सबेर डा. सुहेल पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
..और दिव्यांगजनों के लिए बदला नजर आया सीएमओ कार्यालय
बलरामपुर: सीएमओ कार्यालय में प्रमाणपत्र बनवाने आए दिव्यांगजनों की परेशानी के बावत दैनिक जागरण ने 14 सितंबर के अंक में 'प्रमाण पत्र बनवाने को दिव्यांगजन लगा रहे चक्कर' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इस पर डीएम ने सीएमओ को दिव्यांगजनों की परेशानी को दूर करने के निर्देश दिए थे।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने लेटलतीफ आने वाले उपमुख्य चिकित्साधिकारी समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को फटकार लगाते हुए कार्यशैली बदलने की चेतावनी दी थी। यही नहीं जमीन पर बैठे दिव्यांगजनों की हालत पर अफसोस जताते हुए बैठने के इंतजाम करने के निर्देश दिए थे।
इसका परिणाम रहा कि सोमवार को सीएमओ कार्यालय बदला-बदला नजर आया। जमीन पर बैठकर घंटों इंतजार करने वाले दिव्यांगजनों के लिए कुर्सियों की व्यवस्था कराई गई। लेटलतीफी से दिव्यांगजन परेशान न हो, इसके लिए उनकी काउंसिलिग की व्यवस्था करते हुए काउंटर बनाए गए थे। काउंटर पर तैनात स्वास्थ्यकर्मी व चिकित्सक भी समय से पहुंचे और दिव्यांगजनों के परीक्षण की प्रक्रिया शुरू की गई।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सुशील कुमार ने कहा कि व्यवस्था में सुधार के लिए वह लगातार प्रयासरत हैं। दिव्यांगजन समेत सभी नागरिक को हक है कि वह कार्यालय में आकर अपनी समस्या का निस्तारण कराएं। इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।