अफसर बने रहे अनजान, नहर कटने से तबाह किसान

सरयू नहर खंड-दो की मनामनी से डूब गई पांच हजार बीघा फसल अब मिट्टी डालकर बांध रहे नहर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 10:15 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 10:15 PM (IST)
अफसर बने रहे अनजान, नहर कटने से तबाह किसान
अफसर बने रहे अनजान, नहर कटने से तबाह किसान

बलरामपुर : रेहराबाजार ब्लाक क्षेत्र में सरयू नहर खंड-दो की इटवा राजवहा नहर के कटने से कई गांवों के किसान तबाह हो गए। नहर विभाग के अफसरों ने टेल फीड के लिए पानी छोड़ने का कार्य जारी रखा। नहर कटने से किसानों की करीब पांच हजार बीघा क्षेत्रफल में लगी फसल पानी में डूबकर खराब हो गई है।

वहीं, किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया, तो उतरौला विधायक राम प्रताप वर्मा व एसडीएम डा. नगेंद्र नाथ यादव ने गांव का जायजा भी लिया। इतना सब होने के बाद भी टेल फीड पूरा होने पर नहर विभाग ने पानी बंद किया। अफसरों की मानें तो नहर कटने से फसल डूबने की जानकारी ही नहीं हुई थी। जब पता चला तो तुरंत बचाव कार्य कराया गया। वहीं, किसानों को क्षतिपूर्ति दिलाने के लिए क्या प्रयास किए गए, इसका जवाब देने को कोई तैयार नहीं है। कई गांवों में करीब पांच हजार बीघा गन्ना व धान की फसल जलमग्न:

-सरयू नहर खंड-दो गोंडा के अभियंताओं ने टेल फीड करने के लिए इटवा राजवहा की नहर तैयार किए बिना ही पानी छोड़ दिया। नतीजा, जुवारा, अहिरौली, अचलपुररूप, सेमरा, बैरिया सुर्जनपुर, सहजौरा, नथईपुर, नीसक पुरवा, बसालतपुरवा, पतकरपुर, हनुमानपुरवा, अचलपुर चौधरी, देवरिया इनायत, विशंभरपुर, हसऊपुर, मानीगढ़ा व महुआ गांवों में नहर का पानी घुस गया। इन गांवों में करीब पांच हजार बीघा गन्ना व धान की फसल जलमग्न हो गई।

वहीं, ग्रामीण रमेश, भाई लाल, आज्ञाराम वर्मा, राम कुंवर वर्मा, जमील अहमद, मुन्ना लाल, काशीराम, शिवदीन, शिवप्रकाश, मंगरे व पेशकार का आरोप है कि बिना नहर पूरी तरह तैयार किए बिना ही पानी छोड़ दिया गया। अब फसल खराब होने के बाद किसान दाने-दाने को मोहताज हैं।

वहीं, नहर विभाग के अभियंता अब कटी नहर को बांधने के लिए मिट्टी पटाई कराने का दावा कर रहे हैं। नहर को मजबूत करने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया। एसडीएम का कहना है कि क्षति का आकलन कराने के लिए राजस्व टीम लगा दी गई है। नहीं बता सकते कार्ययोजना:

-सरयू नहर खंड-दो के सहायक अभियंता सूर्यप्रकाश गौड़ का कहना है कि टेल फीड होने के बाद पानी बंद कर दिया गया है। कटी नहर को दुरुस्त करने के लिए बनी कार्ययोजना विभागीय होने के कारण कोई जानकारी नहीं दे सकते हैं। किसानों को फसलों की क्षतिपूर्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

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