पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए खेत को बना दिया तालाब
बारिश का पानी जमा होने से बढ़ेगा भूगर्भ जलस्तर मछली पालन व सिघाड़ा उत्पादन से होगी आमदनी
बलरामपुर: हरैया सतघरवा विकास खंड के रामनगर रसईपुरवा निवासी किसान शिवकुमार ने जल संचयन की मिसाल पेश की है। उसने वर्षा जल की बर्बादी रोकने व पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए अपने खेत में डेढ़ बीघा तालाब खोदवा दिया। तालाब में अब वह मछली पालकर खेती से अधिक कमाई करने की योजना तैयार कर रहा है।
तराई क्षेत्र में भूगर्भ जल स्तर काफी नीचे है। इसके चलते बहुत कम ही लोग बोरिग करा पाते हैं। तालाब व बोरिग न होने के चलते दूर-दूर तक पानी नहीं मिल पाता है।
ऐसे में, प्यास से बेहाल पशु पक्षी अक्सर दम तोड़ देते हैं। किसान शिवकुमार जायसवाल से पशु पक्षियों की प्यास देखी नहीं गई, लेकिन तालाब खोदाई में खर्च अधिक होने के चलते हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। इस बीच भूमि सरंक्षण विभाग ने खेत तालाब योजना शुरू की तो, उसे अपने सपने पूरे होने की उम्मीद दिखी। शिवकुमार ने भूमि संरक्षण अधिकारी सुभाषचंद्र से मिलकर योजना का लाभ देने की अपील की। नेक काम समझ भूमि सरंक्षण अधिकारी ने भी योजना से मदद दिला दी। योजना का सहारा मिलते ही तालाब की राह आसान हो गई। डेढ़ बीघा तालाब में जहां बारिश का पानी इकट्ठा होकर भूगर्भ जल का स्तर ऊपर उठाएगा, वहीं प्यासे पशु-पक्षियों को भटकने से भी राहत मिल जाएगी।
मछली पालन से कमाऊ साबित होगा तालाब:
परोपकार के लिए तालाब खोदाई कराने वाले शिवकुमार अब इससे कमाई करने की जुगत भी तैयार कर रहे हैं। वह सिघाड़ा उत्पादन व मछली पालन कर तालाब से कमाई की तैयारी में जुटे हुए हैं। उनका मानना है कि यदि तालाब में मछली व सिघाड़ा उत्पादन होने लगा, तो फिर यह खेत से अधिक मुनाफा देने वाला साबित होगा। भूमि संरक्षण अधिकारी सुभाष चंद्र ने बताया कि खेत तालाब योजना में जो किसान अपने खेत में तालाब बनवाना चाहते हैं, वह योजना का लाभ लेकर अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।