सड़क पर गड्ढे इतने कि एंबुलेंस का पहुंचना तक मुश्किल
ग्राम पंचायत उतरौला ग्रामीण के तीन मजरों की आठ हजार से अधिक की आबा
उतरौला (बलरामपुर): ग्राम पंचायत उतरौला ग्रामीण के तीन मजरों की आठ हजार से अधिक की आबादी के लिए विकास का पहिया दशकों से थमा हुआ है। संपर्क मार्ग की बदहाल स्थिति के चलते एंबुलेंस भी गांव तक नहीं पहुंच पाती है। किसी के बीमार होने पर बड़ी समस्या होती है। यहा तीन मीटर चौड़ाई में तीन किलोमीटर लंबी सड़क पर सिर्फ और सिर्फ गड्ढे ही हैं।
पूर्व विधायक श्याम लाल वर्मा के कार्यकाल में बनाई गई डामरीकृत सड़क की बदहाल स्थिति भारतीय इंटर कालेज से शुरू हो जाती है। राजाजोत, गोसाईंजोत और लक्ष्मीनगर गांव के लोगों का यह मुख्य मार्ग है। सड़क पर जगह-जगह नुकीली गिट्टियां लोगों को चोटिल कर रही हैं।
बबलू बताते हैं कि तीनों गांव में मतदाताओं की संख्या लगभग दो हजार है। जयकुमार का कहना है कि गांव के सिर्फ पांच प्रतिशत लोग ही सरकारी व निजी प्रतिष्ठानों में नौकरी करते हैं। शेष महिला-पुरुष आमतौर पर मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं। इन श्रमिकों के लिए भी सड़क की बदहाली दूर होनी चाहिए। ताकि वे सुरक्षित रूप से रोजगार पर जा सकें।
दीनानाथ का कहना है कि बरखंडी मंदिर के बगल स्थित शवदाह स्थल जाने का यही प्रमुख मार्ग है। नंगे पांव जाने वालों के पैर जख्मी हो जाते हैं। विकास विभाग व नगर पालिका को प्रार्थना पत्र देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। विद्या देवी बताती हैं कि गांव की महिलाओं व बेटियों को टीका लगवाने, दवाई लाने के लिए जाते समय पैदल चलने में काफी परेशानी होती है। गांव में अचानक बीमार होने की स्थिति में ठेले पर लाद कर अस्पताल ले जाना पड़ता है। अगर सड़क ठीक हो जाए तो गांव में ई-रिक्शा, जीप या एंबुलेंस समय पर मिल सकती है। ग्रामसभा व नगरपालिका की सीमा के कारण दोनों विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
प्रधान ने नहीं की कोई पहल : बीडीओ अनूप सिंह का कहना है कि फिलहाल सड़क के निर्माण के लिए ग्राम प्रधान की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। अवर अभियंता को भेज कर सड़क के निर्माण के लिए आगणन कराया जाएगा। धन स्वीकृत होने पर निर्माण कराया जाएगा।