अस्पताल में डंप सीबैक फार्म, नहीं बन सका हेल्थ कार्ड
अस्पतालों में बढ़ती भीड़ से परेशान स्वास्थ्य महकमा ने हर गांव क
अमित श्रीवास्तव, बलरामपुर :
अस्पतालों में बढ़ती भीड़ से परेशान स्वास्थ्य महकमा ने हर गांव का हेल्थ कार्ड बनाने की तैयारी की थी। इसमें आशा को कम्युनिटी बेस असेसमेंट चेकलिस्ट (सीबैक) फार्म के आधार पर घर के सदस्यों के खानपान व आदत की मैपिग करते हुए डाटा इकट्ठा करना था। इसके बाद गैर संचारी रोगों का आकलन करते हुए रिपोर्ट तैयार करनी थी। इसकी रिपोर्ट निकट के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ शासन को भेजी जानी थी।
जहां अफसर एक क्लिक पर जिले के किस गांव में किस रोग के कितने मरीज हैं, उसकी पड़ताल कर लेते। फिर उस गांव में बीमारी से बचाव व इलाज की विशेष योजना तैयार करते लेकिन, यह कहीं नहीं हो सका।
लापरवाही का आलम यह है कि अधिकांश अस्पतालों में सीबैंक फार्म डंप हैं। सीएचसी उतरौला इसकी बानगी है। यदि आशा ने भरा भी तो उसे फीड ही नहीं किया गया। अधीक्षकों की इस लापरवाही का खामियाजा मरीजों के साथ स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को भी उठानी पड़ रही है। हाल में तुलसीपुर व हर्रैया सतघरवा ब्लाक के गांवों में संचारी रोग से हुई मौतों पर सीएमओ समेत अन्य अधिकारियों को कारण जानने के लिए गांवों तक जाना पड़ा था। यदि हेल्थ कार्ड बना होता तो यह नौबत नहीं आती। ली जाएगी जानकारी :
सीएमओ डा. सुशील कुमार का कहना है कि कोरोना काल व टीकाकरण में व्यस्तता के चलते इधर ध्यान नहीं दिया जा सका। सीएचसी अधीक्षकों से सीबैक फार्म की जानकारी लेते हुए उनका उपयोग कराने के लिए प्रेरित किया जाएगा। साथ ही सभी गांवों का हेल्थ कार्ड तैयार कराया जाएगा।