संस्कृत विद्यालयों में दूर होगी गुरुजनों की कमी

जिले के तीन संस्कृत विद्यालयों में तैनात होंगे एक-एक शिक्षक 360 छात्रों के सापेक्ष हैं 10 शिक्षक

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 10:13 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 10:13 PM (IST)
संस्कृत विद्यालयों में दूर होगी गुरुजनों की कमी
संस्कृत विद्यालयों में दूर होगी गुरुजनों की कमी

बलरामपुर: जिले में संचालित संस्कृत विद्यालयों में गुरुजनों की कमी जल्द दूर होने की उम्मीद जगी है। उप्र माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद ने जिले के तीनों विद्यालयों में एक-एक शिक्षक की तैनाती की मंजूरी दी है। आदर्श संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भगवतीगंज में अध्यापकों के दो पद रिक्त हैं।

महाराजा पाटेश्वरी प्रसाद सिंह उमावि झारखंडी व श्रीराधा कृष्ण उमावि देवीपाटन तुलसीपुर में एक-एक पद खाली है। शिक्षकों की तैनाती हो जाने से तीनों विद्यालयों में नामांकित 360 छात्रों को अपेक्षित शिक्षा मिल सकेगी। विभाग ने शिक्षकों के तैनाती की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

जिले में संस्कृत माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तीन विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। इसमें प्रथम मध्यमा व उत्तर मध्यमा में विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इसमें आदर्श संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भगवतीगंज में 90 विद्यार्थी नामांकित हैं। इन्हें पढ़ाने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक व एकमात्र शिक्षक पर है। यहां शिक्षक के दो पद रिक्त होने से पठन-पाठन में दिक्कत हो रही है।

इसी तरह महाराजा पाटेश्वरी प्रसाद सिंह उमावि झारखंडी में 125 विद्यार्थियों का नामांकन है। इन्हें पढ़ाने के लिए प्रधानाध्यापक के अलावा तीन सहायक अध्यापक नियुक्त हैं। यहां शिक्षक का एक पद रिक्त है। श्रीराधाकृष्ण उमावि देवीपाटन तुलसीपुर में 145 बच्चे नामांकित हैं। यहां भी प्रधानाध्यापक के अलावा तीन सहायक अध्यापक तैनात हैं। यहां शिक्षक का एक पद रिक्त चल रहा है। शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद भगवतीगंज व देवीपाटन में शिक्षकों के सभी पद भर जाएंगे, जबकि झारखंडी में एक पद रिक्त रह जाएगा।

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जल्द पूरी होगी नियुक्ति प्रक्रिया:

डीआइओएस गोविद राम का कहना है कि संस्कृत विद्यालयों में शासन के मंशानुरूप नियुक्ति प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाएगी। इससे शिक्षकों की कमी पूरी होने के साथ विद्यार्थियों के शिक्षा की राह आसान हो सकेगी।

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