जिला मेमोरियल अस्पताल में डाक्टर स्टाफ की कमी, इमरजेंसी सेवाएं बंद होने की आशंका
तीन पदों के सापेक्ष केवल एक इमरजेंसी मेडिकल आफिसर कर रहा इलाज स्टाफ नर्सो व स्वास्थ्य कर्मियों की कमी से बढ़ी परेशानी
बलरामपुर: जिला मेमोरियल अस्पताल में चिकित्सकों, स्टाफ नर्स व फार्मासिस्ट, एलटी की कमी के चलते संकट बढ़ गया है। हालत यह है कि आपातकालीन चिकित्सा व टीकाकरण सेवाएं भी प्रभावित होने की आशंका पैदा हो गई है। तीन पदों के सापेक्ष के केवल एक इमरजेंसी मेडिकल आफिसर होने से चिकित्सकों की दिन व रात ड्यूटी लगानी पड़ रही है। कोई भी स्टाफ नर्स न खाली होने के कारण टीकाकरण भी बार-बार रुक रहा है। वार्डो में भर्ती मरीजों को ड्रिप चढ़ाने वाला कोई नहीं है। हालत यह है कि मानसिक स्वास्थ्य परामर्श केंद्र व एड्स रोगियों के लिए चल रहे एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी सेंटर के कर्मचारियों को टीकाकरण में लगा दिया गया है। इसी तरह किशोर-किशोरी परामर्श केंद्र के काउंसलरों की ड्यूटी टीका पंजीकरण में लगाई गई है।
इमरजेंसी सेंवाए भी प्रभावित, नहीं हो पा रहा आपरेशन:
-अस्पताल में भले ही आर्थोपैडिक सर्जन, बाल रोग विशेषज्ञ, फिजीशियन, नेत्र रोग विशेषज्ञ, नाक कान गला के चिकित्सक तैनात हैं, लेकिन एनेस्थेसिस्ट न होने के कारण आपरेशन नहीं हो पा रहा है। आपातकालीन सेवाएं संचालित रखने के लिए कम से कम तीन ईएमओ चाहिए, लेकिन एक ही तैनात है। सर्जन, त्वचा रोग विशेषज्ञ, पैथोलाजिस्ट, हृदय रोग विशेषज्ञ, रेडियोलाजिस्ट की भी तैनाती नही है। सर्जन की भूमिका सीएमएस को खुद निभानी पड़ती है।
फैक्ट फाइल: चिकित्सक
स्वीकृत पद- 25
तैनाती-पांच
उपचारिका स्थाई -
स्वीकृत-9
कार्यरत-0 सिस्टर -स्थाई
स्वीकृत पद -तीन
कार्यरत-0 उपचारिका संविदा
स्वीकृत-12
कार्यरत-6 सीनियर एलटी-
स्वीकृत-एक
तैनाती-एक सीनियर फार्मासिस्ट
स्वीकृत-तीन
तैनाती-एक फार्मासिस्ट तीन
स्वीकृत-तीन
तैनाती-एक
स्टाफ नर्स न होने से बढ़ गई परेशानी:
-सीमएस डा.एके श्रीवास्तव ने बताया कि संयुक्त अस्पताल से एनेस्थेसिस्ट बुलाकर वह खुद आपरेशन करते हैं। स्थिति गंभीर होने पर प्रशासनिक कार्य बाधित होता है। सबसे अधिक किल्लत स्टाफ नर्स की है। इससे जिलाधिकारी को अवगत कराया गया है। पांच स्टाफ नर्स में दो पहले से प्रशिक्षणरत है। एक और प्रशिक्षण पर जाने वाली है। ऐसे में अस्पताल का संचालन मुश्किल हो जाएगा।