ओम नम: शिवाय: बसंतपुर मटेहना शिवमंदिर में आज भी विराजमान हैं नागदेवता, पास आने पर हो जाते हैं गायब, जानें इस मंदिर की पूरी कहानी

च्चे मन से मांगी गई मुराद भोलेनाथ अवश्य पूरी करते हैं। यहां महाशिवपुराण का आयोजन होता रहता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 10:55 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 10:55 PM (IST)
ओम नम: शिवाय: बसंतपुर मटेहना शिवमंदिर में आज भी विराजमान हैं नागदेवता, पास आने पर हो जाते हैं गायब, जानें इस मंदिर की पूरी कहानी
ओम नम: शिवाय: बसंतपुर मटेहना शिवमंदिर में आज भी विराजमान हैं नागदेवता, पास आने पर हो जाते हैं गायब, जानें इस मंदिर की पूरी कहानी

चित्र परिचय : 02 बीएलएम 02 से 04 बसंतपुर मटेहना शिवमंदिर:

गैंसड़ी के ग्राम पंचायत बसंतपुर मटेहना में स्थित शिव मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं के प्रति अटूट आस्था है। बताया जाता है कि सच्चे मन से मांगी गई मुराद भोलेनाथ अवश्य पूरी करते हैं। यहां महाशिवपुराण का आयोजन होता रहता है। अभी भी शिवलिग पर नाग देवता विराजमान हैं जो दूर से दिखाई पड़ते हैं, लेकिन शिवलिग के निकट पहुंचते ही गायब हो जाते हैं। लक्ष्मी पूजा पर बसंतपुर, मदरहवा, सदाडीह की मूर्ति विसर्जन के दिन यहां मेला लगता है। मकर संक्रांति व शिवरात्रि में भंडारा होता है। कजरी तीज, महाशिवरात्रि व सावन माह में श्रद्धालु यहां जलाभिषेक को जुटते हैं। इतिहास:

-स्थानीय बुजुर्गों के अनुसार सावन में इस स्थान पर बड़ी संख्या में नाग दिखाई पड़ते थे। फिर वहीं पर शिवलिग की स्थापना कर भोलेशंकर की आराधना शुरू कर दी गई। यहां शिव का पूजन-अर्चन करने वालों की मनोकामना पूरी होने लगी। करीब 20 वर्ष पूर्व मंदिर का सुंदरीकरण कराया गया। तभी से शिव भक्त प्रत्येक सोमवार व शिव के महापर्वों पर जलाभिषेक एवं पूजा-अर्चना को एकत्र होते हैं। तैयारियां:

-सावन शुरू होते ही मंदिर की विधिवत साफ-सफाई व्यवस्था की गई है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रत्येक सोमवार को हलुवा व अन्य प्रसाद का वितरण होता है। सोलर लाइट से प्रकाश की व्यवस्था की गई है। मंदिर को स्थानीय लोगों के सहयोग से भव्य बनाने का प्रयास चल रहा है। - इस मंदिर पर वैसे तो वर्ष भर सोमवार को पूजा-अर्चना होती है, लेकिन सावन में काफी भीड़ रहती है। पचपेड़वा के शिवगढ़ धाम जाने वाले श्रद्धालु भी जलाभिषेक करते है। पूजा के समय कभी-कभी नाग का प्रकट होना व बिना हानि पहुंचाए गायब होना अद्भुत माना जाता है।

-राजेंद्र नाथ, पुजारी - मंदिर की देखरेख बराबर की जाती है। यहां प्रतिवर्ष भंडारे का आयोजन क्षेत्रीय लोगों के सहयोग से किया जाता है। प्रशासन से अनुमति लेकर शिव मंदिर पर लाउडस्पीकर लगाकर भजन व पूजन अर्चन कराया जाता है। कोरोना संक्रमण को लेकर इस वर्ष विशेष इंतजाम किए गए हैं। प्रत्येक सप्ताह परिसर में प्रधान के सहयोग से सैनिटाइजेशन कराया जाता है।

-रामकुमार जायसवाल, व्यवस्थापक

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