वृद्धा को मृत दिखा दबंगों ने हथिया ली जमीन

पीड़िता की पोती टेढ़ी बाजार निवासिनी सरोज कुमार ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर धोखे से हथियाई गई जमीन दबंगों के कब्जे से वापस दिलाने की गुहार लगाई है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 10:22 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 10:22 PM (IST)
वृद्धा को मृत दिखा दबंगों ने हथिया ली जमीन
वृद्धा को मृत दिखा दबंगों ने हथिया ली जमीन

बलरामपुर: देहात कोतवाली के पीलीभीत सेखुई कला निवासिनी वृद्धा करोड़पती को मृत दिखाकर धोखाधड़ी से उसकी जमीन बैनामा करा ली गई। इस जालसाजी में शामिल वृद्धा के दोनों बेटों की मौत हो चुकी है। पीड़िता की पोती टेढ़ी बाजार निवासिनी सरोज कुमार ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर धोखे से हथियाई गई जमीन दबंगों के कब्जे से वापस दिलाने की गुहार लगाई है।

सरोज ने डीएम को दिए गए प्रार्थना पत्र में कहा है कि उसकी दादी करोड़पती अभी जीवित हैं व केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय से पेंशन प्राप्त करतीं हैं। उसके पिता पिटू व चाचा नानबच्चा के नाम फर्जी तरीके से खतौनी में दर्ज करा दिया गया।

पिंटू नशे का आदी था, जिसका लाभ उठाते हुए गांव के ही कुछ दबंगों ने अपने नाम बैनामा करा लिया। इसमें दादी करोड़पती को फर्जी तरीके से मृत दिखाया गया। इसके बाद पिंटू की हत्या कर दी गई। कुछ समय बाद चाचा नानबच्चा की भी मौत हो गई। इसके बाद इस जमीन को आरोपितों ने दोबारा अपने नाम करा लिया। कहाकि दादी करोड़पती की उम्र 82 वर्ष है, जो चलने-फिरने में पूरी तरह लाचार हैं।

प्रार्थिनी ने जमीन को दबंगों के कब्जे से मुक्त कराने का अनुरोध किया है। अपर जिलाधिकारी राम अभिलाष का कहना है कि मामले की जांच उपजिलाधिकारी कर रहे हैं। जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।

दुष्कर्म मामले में आरोपित को सात साल कारावास

बलरामपुर: अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम विपिन कुमार ने दुष्कर्म मामले में आरोपित को सात वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। शासकीय अधिवक्ता नवीन तिवारी ने बताया कि थाना महराजगंज तराई की एक नाबालिग को ग्राम दांदव निवासी बालक राम 31 मार्च 2007 को घर से उठा ले गया और उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। घटना की प्राथमिकी पुलिस अधीक्षक के आदेश पर 15 मई 2007 में थाना महराजगंज तराई में दर्ज की गई थी।

अभियोजन की ओर से सात गवाहों का बयान अंकित कराया गया। बचाव पक्ष से कहा गया कि रंजिशन झूठा मुकदमा लिखाया गया है। गवाहों में विरोधाभास है और प्राथमिकी भी विलंब से दर्ज कराई गई है।

न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद मामले के एक अन्य आरोपित को दोषमुक्त करते हुए बालकराम को दोष सिद्ध ठहराया है। आदेश दिया है कि जुर्माना न जमा करने पर आरोपित को अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी।

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