कोयला आपूर्ति घटने से बढ़ी बिजली कटौती
गांवों में छह-सात घंटे मिल रही बिजली रात की कटौती ने उड़ाई नींद
बलरामपुर: कोयला आपूर्ति घटने का असर जिले की बिजली व्यवस्था पर भी पड़ने लगा है। गांवों में बिजली कटौती बढ़ गई है। 18 घंटे का रोस्टर तय हैं, लेकिन छह से सात घंटे की कटौती की जा रही है। इसको लेकर उपभोक्ताओं में आक्रोश है। अफसर लोकल फाल्ट का बहाना कर रहे हैं।
गांवों की बिजली आपूर्ति बेपटरी हो चुकी है। 18 घंटे बिजली आपूर्ति निर्धारित है, लेकिन वर्तमान समय में 10 घंटे ही मिल रही है। जो दिन व रात मिलाकर दी जा रही है। तुलसीपुर के सिकटिहवा निवासी राधेश्याम व कैलाश का कहना है कि शाम सात बजे बिजली आती है। उसके बाद आवाजाही बनी रहती है। रात एक बजे बिजली आपूर्ति बंद करके तीन बजे बहाल की जाती है। फिर भोर में पांच बजे बिजली कटौती कर दी जाती है। दिन में भी बिजली टुकड़ों में दी जाती है। जबकि कटौती का रोस्टर भोर 4.55 से 6.55, सुबह 10.20 से दोपहर 12.20 बजे व शाम 4.30 से 6.30 बजे तय है। तय समय के बाद भी कटौती की जाती है। अवर अभियंता संतोष कुमार मौर्य का कहना है कि रोस्टर के अनुसार ही बिजली आपूर्ति करने का प्रयास किया जाता है, लेकिन बाहर से कटौती का निर्देश मिलने पर बिजली काटी जाती है।
अघोषित बिजली कटौती से उपभोक्ता हलकान:
हरिहरगंज: विद्युत उपकेंद्र हरिहरगंज से हो रही बिजली आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी है। दिन व रात के समय होने वाली अघोषित कटौती से उपभोक्ताओं की नींद उड़ गई है। रोस्टर के अनुसार बिजली आपूर्ति न होने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है।
बाजार निवासी धर्मेद्र मिश्र, राजकुमार गुप्त, श्रीनरायन मिश्र, नरसिंह गुप्त, वैभव मिश्र का कहना है कि बिजली आने-जाने का कोई समय निर्धारित नहीं है। दिन में कई बार बिजली कटौती होने से कारोबार प्रभावित हो रहा है। रातकालीन बिजली कटौती से उपभोक्ताओं की नींद उड़ गई है।
एक सप्ताह में मिलेगी राहत:
अधीक्षण अभियंता ललित कुमार का कहना है कि बिजलीघरों को कोयला आपूर्ति में दिक्कत हो रही है। इस वजह से बिजली कटौती बढ़ी है। एक सप्ताह के अंदर बिजली आपूर्ति सुधर जाएगी।