अग्निशमन यंत्र का नहीं ध्यान, आफत में जान
अधिकांश स्कूलों से नदारद अग्निशमन उपकरण अफसरों ने जांच करना भी नहीं समझा मुनासिब
बलरामपुर: परिषदीय स्कूलों में नौनिहालों की सुरक्षा को लेकर बेसिक शिक्षा महकमा जरा भी संजीदा नहीं है। मध्याह्न भोजन बनाने के लिए स्कूलों में रसोई गैस सिलिडर उपलब्ध कराए गए हैं। ऐसे में, लापरवाही व खराबी होने पर आग लगने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। इतना सब होने के बाद भी आग पर काबू पाने के लिए अग्निशमन यंत्र ज्यादातर स्कूलों में नहीं हैं। जिन स्कूलों में यंत्र खरीदे भी गए, उनकी रिफिलिग व सुरक्षा मानकों की जांच नहीं हुई। यही नहीं, कितने स्कूलों में अग्निशमन यंत्र कब खरीदे गए, इसका जवाब विभागीय अफसरों के पास नहीं है। ऐसे में, नौनिहालों की सुरक्षा भगवान भरोसे है।
जिले के 1247 प्राथमिक, 333 उच्च प्राथमिक व 317 कंपोजिट विद्यालय हैं। विद्यालय विकास अनुदान के तहत प्राथमिक में पांच हजार व उच्च प्राथमिक में सात हजार रुपये का बजट एसएमसी के खातों में भेजा जाता है। अधिकांश स्कूलों में कागजों में खरीद दिखाकर बजट का बंदरबांट कर लिया गया।
असुरक्षित हैं ये विद्यालय:
शिक्षा क्षेत्र बलरामपुर के आदर्श प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका रजिया खातून व उतरा बानो ने बताया कि अग्निशमन यंत्र नहीं है। इसी तरह उच्च प्राथमिक विद्यालय मुजेहनी की प्रधानाध्यापिका अतिया इरफाना ने भी अग्निशमन यंत्र न होने की बात कही। श्रीदत्तगंज क्षेत्र के प्रावि पटियाला ग्रंट, सदर ब्लाक के प्रावि पीलीभीत, शिवपुरा क्षेत्र के प्रावि संकरी व प्रावि लखौरा के शिक्षकों ने भी अग्निशमन यंत्र की उपलब्धता से इन्कार किया।
नहीं लिया सबक:
वर्ष 2019 में उतरौला शिक्षा क्षेत्र के नयानगर विशुनपुर स्कूल में हाईटेंशन तार गिरने पर 53 नौनिहाल की जान आफत में पड़ गई थी। ऐसे में, स्कूलों में आग लगने की संभावना भी बनी रहती है। बावजूद इसके शिक्षक नौनिहालों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हुए।
कराई जाएगी जांच:
बीएसए डा. रामचंद्र का कहना है कि स्कूलों में अग्निशमन यंत्र आवश्यक है। इसके लिए सभी को निर्देश भी दिया गया है। यदि यंत्रों की जांच नहीं की गई है तो, मामला गंभीर है।