प्रशिक्षक की न आई याद, बेटियां कैसे बनें फौलाद

केजीबीवी व उच प्राथमिक की किशोरियों को नहीं मिल सका ताइक्वांडो प्रशिक्षण 103 पद खाली

By JagranEdited By: Publish:Wed, 06 Oct 2021 10:22 PM (IST) Updated:Wed, 06 Oct 2021 10:22 PM (IST)
प्रशिक्षक की न आई याद, बेटियां कैसे बनें फौलाद
प्रशिक्षक की न आई याद, बेटियां कैसे बनें फौलाद

बलरामपुर: बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाकर सशक्त बनाने की योजना जिले में गुम हो गई। कारण, उच्च प्राथमिक व कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में ताइक्वांडो व जूडो-कराटे सिखाने के लिए विभाग को प्रशिक्षक ढूंढ़े नहीं मिले। एक साल से अधिक समय बीतने के बाद भी प्रशिक्षक के 103 पदों पर तैनाती नहीं हो सकी।

प्रशिक्षक पद पर महज 14 लोगों का चयन हुआ था, लेकिन कम मानदेय व अधिक दूरी पर स्कूल होने का हवाला देकर सभी ने प्रशिक्षण देने से मना कर दिया। इसके बाद अफसर इन स्कूलों में प्रशिक्षक की तैनाती करना भूल गए। जिससे किशोरियों को सशक्त बनाने की मंशा परवान नहीं चढ़ सकी।

20 हजार से अधिक छात्राएं हैं नामांकित:

जिले के 333 उच्च प्राथमिक व 317 कंपोजिट स्कूलों में 20 हजार से अधिक छात्राएं नामांकित हैं। जबकि 11 केजीबीवी में प्रति विद्यालय 100 छात्राएं आवासीय शिक्षा प्राप्त कर रहीं हैं। आए दिन बढ़ते महिला अपराधों के दृष्टिगत इन स्कूलों की बेटियों को आत्मरक्षा का हुनर सिखाने की योजना थी, जिसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका।

18 अभ्यर्थियों ने किया था आवेदन:

जिले की 101 न्याय पंचायतों व नगर क्षेत्र में दो ताइक्वांडो प्रशिक्षकों की तैनाती के लिए साक्षात्कार लिया गया था। इन पदों पर तैनाती के लिए विभाग को कुल 18 आवेदन पत्र मिले थे।इसमें साक्षात्कार में दो अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे, जबकि दो को अयोग्य घोषित कर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। विभाग ने शेष 14 अभ्यर्थियों की सूची तैयार कर खेल निदेशालय को भेजी थी। विद्यालय आवंटित होने के बाद भी किसी ने स्कूल में प्रशिक्षण देने में रुचि नहीं दिखाई।

प्रशिक्षण की होगी व्यवस्था:

बालिका शिक्षा के जिला समन्वयक बीईओ डा. समय प्रकाश पाठक का कहना है कि जानकारी कर खेल निदेशालय को पत्र लिखा जाएगा। बेटियों के प्रशिक्षण के लिए व्यवस्था कराई जाएगी।

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