भवन अधूरा, तकनीकी शिक्षा का ख्वाब कैसे हो पूरा
सुरहिया देवर में आठ साल से निर्माणाधीन है पालीटेक्निक तेंदुई जिगना में अधर में आइटीआइ भवन
बलरामपुर: तकनीकी शिक्षा हासिल कर देश व समाज के लिए कुछ करने का ख्वाब संजोए युवाओं के हौसलों को उड़ान नहीं मिल पा रही है। जिले में आइटीआइ व पालीटेक्निक कालेज का निर्माण अधर में हैं। ऐसे में घर में रहकर अभियांत्रिकी के क्षेत्र में भविष्य बनाने की हसरत पूरी नहीं हो पा रही है। पालीटेक्निक कालेज का निर्माण पूरा हुए बिना ही यहां उपलब्ध सीटों के नाम पर कालेज आवंटित कर दिया जाता है, जबकि पढ़ाई के लिए छात्रों को गोंडा जिले के राजकीय पालीटेक्निक जाना पड़ता है। इसी तरह छात्र छह साल से निर्माणाधीन आइटीआइ कालेज के पूरा होने की बाट जोह रहे हैं।
नौ साल से पालीटेक्निक अधूरा:
उतरौला तहसील के सुरहिया देवर महुआधनी गांव में छात्रपति साहूजी महराज राजकीय पालीटेक्निक कालेज का निर्माण वर्ष 2012 में 17 करोड़ की लागत से शुरू हुआ था। निर्माण का जिम्मा जल निगम की कंस्ट्रक्शन व डिजाइन डिवीजन को सौंपा गया है। पहले इसका निर्माण गोंडा डिवीजन को सौंपा गया था। निर्माण कार्य में लापरवाही को देखते हुए इसका निर्माण बस्ती डिवीजन को सौंप दिया गया। आठ साल बीतने के बाद भी अब तक निर्माण पूरा नहीं हो सका है। गैंसड़ी के परसा पलाईडीह में भी करीब सात साल से पालीटेक्निक कालेज अधूरा है।
अधर में आइटीआइ भवन:
श्रीदत्तगंज क्षेत्र के तेंदुई जिगना गांव में राजकीय आइटीआइ के निर्माण की मंजूरी अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने दी थी। निर्माण की जिम्मेदारी उप्र वक्फ विकास निगम लिमिटेड लखनऊ को सौंपी गई। प्रधानमंत्री जन विकास योजना के तहत 20 फरवरी 2014 को शिलान्यास हुआ। भवन निर्माण तो पूरा कर लिया गया, लेकिन छात्रावास, प्रधानाचार्य आवास, पुस्तकालय, प्रयोगशाला सहित तमाम भवनों का निर्माण ठप है। इसी तरह सदर ब्लाक के कटरा शंकरनगर गांव में आइटीआइ भवन छह साल से अधूरा है।
ली जाएगी जानकारी:
अपर जिलाधिकारी राम अभिलाष का कहना है कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग व कार्यदायी संस्था से निर्माण के प्रगति की जानकारी ली जाएगी। जल्द ही भवन निर्माण पूरा करवाया जाएगा।