बाबुल की आंखें भर आई, कैसे होगी बिटिया की विदाई
आग ने 13 परिवारों के सिर से छीन ली छत तन ढकने को कपड़े की दरकार
बलरामपुर : गोसाईजोत गांव में मंगलवार को लगी आग ने जहां 13 मजदूर परिवारों की गृहस्थी तबाह कर दी, वहीं दो बेटियों की विदाई के लिए जुटाए गए जेवर, सामान व कपड़ों तक का वजूद नहीं छोड़ा। खरमास के बाद इसी नवरात्र में महेंद्र नाथ की पुत्री अन्नपूर्णा व भोलानाथ की पुत्री अनामिका की विदाई होनी थी। दोनों ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में मार्च में खंड विकास कार्यालय में शादी रचाई थी। खरमास के चलते विदाई टाल दी गई थी। दोनों की विदाई के लिए जुटाए नकदी समेत सामान, जेवर, कपड़े आग की भेंट चढ़ गए। सामूहिक विवाह में मिले उपहार भी आग की लपटों में समा गए। आग बुझने के बाद परिवारजन बचे जेवरों की तलाश में राख की खाक छानते रहे। बेटियों की विदाई की चिता दोनों परिवारों के चेहरों पर छलक रही थी। छिन गई छत, तन पर कपड़े की दरकार :
-मंगलवार की दोपहर गोसाईंजोत में आग की विनाशलीला बाबुल के अरमानों को राख कर दिया। दोपहर में सब कुछ सामान्य था। इसी बीच महेंद्र नाथ के घर में आग के रूप में कहर शुरू हो गया। आग की लपटों को तेज पछुआ हवाओं ने विकराल रूप दे दिया। गांव में चारों तरफ चीख-पुकार मच गई। जो जहां जिस हाल में था, आग बुझाने के लिए दौड़ पड़ा। पीड़ित परिवारों की गृहस्थी का सामान, नकदी, जेवर, टेलीविजन, अनाज, कपड़े, बर्तनों का अस्तित्व खत्म हो गया। हालांकि फौरी तौर पर पीड़ितों के बच्चों के लिए राशन की व्यवस्था स्थानीय लोगों ने कर दी है, लेकिन सिर छुपाने के लिए छत व तन ढकने के लिए कपड़ों की मदद की दरकार है। तहसीलदार रोहित मौर्य का कहना है कि क्षति का आकलन करने के बाद पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता शीघ्र दिलाई जाएगी। पीड़ितों को आवश्यक खाद्य सामग्री देने का निर्देश कोटेदार को दिया जाएगा।