कमाल का है कृषि यंत्र, रामशबद दे रहे गुरुमंत्र
ट्रैक्टर के कल्टीबेटर ट्रैक्टर के कल्टीबेटर ट्रैक्टर के कल्टीबेटर ट्रैक्टर के कल्टीबेटर ट्रैक्टर के कल्टीबेटर ट्रैक्टर के कल्टीबेटर ट्रैक्टर के कल्टीबेटर ट्रैक्टर के कल्टीबेटर ट्रैक्टर के कल्टीबेटर ट्रैक्टर के कल्टीबेटर ट्रैक्टर के कल्टीबेटर ट्रैक्टर के कल्टीबेटर ट्रैक्टर के कल्टीबेटर ट्रैक्टर के कल्टीबेटर ट्रैक्टर के कल्टीबेटर ट्रैक्टर के कल्टीबेटर ट्रैक्टर के कल्टीबेटर
बलरामपुर : कड़ी मेहनत व लगन के दम पर इंसान कोई भी मुकाम हासिल कर सकता है। मनुष्य के लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं है। इस कहावत को उतरौला क्षेत्र के पिपरा घाट कटरा गांव निवासी किसान रामशबद वर्मा ने सही साबित कर दिखाया है। उन्होंने खुद के बनाए यंत्र (कुदाल) से अपनी किस्मत संवार ली है। इसकी मदद से रामशबद प्रतिवर्ष 18 बीघे में सहफसली खेती कर आठ लाख का मुनाफा कमाते हैं। बेहतर सब्जी उत्पादन के लिए उन्हें दो बार सम्मान भी मिल चुका है। अन्य किसान भी उनके बनाए यंत्र से खेती करने लगे हैं। सब्जी की खेती से मिली प्रेरणा
- रामशबद ने बताया कि सब्जी की खेती में लाइन से बोआई करने के लिए उन्होंने स्वयं ट्रैक्टर के कल्टीवेटर से दो खंड वाली कुदाल बना ली। उसमें एक पहिया भी लगा दिया। जिसे वह हाथ से चलाकर अकेले ही खेत की जोताई कर लेते हैं। जोताई पर होने वाला खर्च बंद होने से आमदनी बढ़ गई है। दूसरे किसान भी सीख रहे तरीका
- सब्जी के खेत में यंत्र से जोताई आसान होने से किसानों से भी इसका प्रयोग शुरू कर दिया है। रामशबद बताते हैं कि उतरौला, रेहराबाजार व हरैया सतघरवा सहित अन्य क्षेत्रों के करीब 12 किसान उनसे यंत्र बनाना सीख चुके हैं। मिल चुका है सम्मान
- जिला कृषि अधिकारी मंजीत कुमार बताते हैं कि रामशबद जिले के प्रगतिशील किसान हैं। वह खुद के बनाए यंत्रों से सहफसली खेती करते हैं। बेहतर उत्पादन के लिए उन्हें जिला स्तर पर सम्मानित भी किया जा चुका है।