सरयू में उफान के बाद येलो अलर्ट, बढ़ी चिंता

जागरण संवाददाता बलिया सरयू के तटवर्ती इलाके में फिर बाढ़ के हालात उत्पन्न होने की संभा

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 05:36 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 05:36 PM (IST)
सरयू में उफान के बाद येलो अलर्ट, बढ़ी चिंता
सरयू में उफान के बाद येलो अलर्ट, बढ़ी चिंता

जागरण संवाददाता, बलिया : सरयू के तटवर्ती इलाके में फिर बाढ़ के हालात उत्पन्न होने की संभावना जताई जा रही है, इसे लेकर प्रशासन ने येलो अलर्ट जारी किया है। अभी-अभी बाढ़ की विभीषिका से उबरे लोग एक बार फिर सहम गए हैं। दरअसल मंगलवार को नेपाल के शारदा बैराज बनबसा से छह लाख क्यूसेक पानी एक साथ छोड़ने से नदी के जल स्तर में वृद्धि हो रही है। अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार ने कहा है कि उत्तराखंड एवं नेपाल में हो रही भारी वर्षा के कारण सरयू नदी के जल स्तर में वृद्धि होने की प्रबल संभावना है। उन्होंने बिल्थरारोड, सिकंदरपुर, बांसडीह एवं बैरिया के उप जिलाधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा है। प्रभावित होने वाले इलाकों के रिग बंधों पर निगरानी बढ़ा दी गई है।

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मची तबाही तो किसानों की होगी क्षति

: सरयू में उफान की बात से तटवर्ती इलाके के किसान सहमे हुए हैं। कई क्षेत्रों में परवल, तिलहन और मटर की बोआई भी हो चुकी है। गेहूं की खेती करने वाले किसान अपने खेतों को तैयार करने में लगे हैं। सरयू के पानी से यदि इस बार उनकी फसल नष्ट होती है तो वह पूरी तरह टूट जाएंगे। जयप्रकाशनगर क्षेत्र के किसान झूलन सिंह ने बताया एक दशक पहले भी नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण परवल और मटर की खेती करने वाले किसानों को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा था। बोआई किए हुए खेत डूब गए थे। कई किसान नाव से बोआई किए हुए परवल के लतर को उखाड़ रहे थे ताकि पानी हटने के बाद उसकी पुन: बोआई की जा सके, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इस बार भी सरयू वही कहानी न दोहरा दे। किसान नथूनी सिंह ने बताया कि इस बार परवल के लतर काफी महंगे मिल रहे हैं। एक बंडल लतर मंगाने में लगभग पांच हजार रुपये खर्च हो जा रहे हैं। सरयू के पानी के कारण यदि परवल की खेती को नुकसान पहुंचता है तो किसान कर्ज में डूब जाएंगे। उसी क्षेत्र में किसान रामाकांत यादव बताते हैं कि इस सीजन में पहले मटर की बोआई कर देने से किसानों को फायदा यह होता है कि मटर पहले निकलने शुरू हो जाते हैं। बाजार में उसका रेट अच्छा मिल जाता है। यदि पानी के कारण मटर के खेत डूबते हैं तो किसानों को बड़ी क्षति का सामना करना पड़ेगा।

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16 घंटे में 71 सेमी बढ़ा जलस्तर : सरयू में गुरुवार से जलस्तर में वृद्धि का असर दिखने लगा है। डीएसपी हेड पर बुधवार की शाम चार बजे सरयू का जलस्तर 62.590 था। सुबह जलस्तर 63.300 दर्ज किया गया। इस तरह सरयू ने 16 घंटे में 71 सेमी बढ़ाव किया है। यहां खतरा बिदु 64.01 मीटर व उच्चतम खतरा बिदु 66.00 मीटर है। जलस्तर अभी खतरा बिदु से 71 सेमी नीचे है।

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सरयू के रडार पर पांच लाख की आबादी : बलिया में सरयू के रडार पर बेल्थरारोड, सिकंदरपुर, बांसडीह एवं बैरिया तहसील की लगभग पांच लाख की आबादी रहती है। जनपद में सरयू का प्रवाह क्षेत्र लगभग 120 किमी है। बैरिया तहसील के सिताबदियारा इलाके में सरयू और गंगा का संगम होता है। इससे सरयू में उफान के कारण सिताबदियारा क्षेत्र में गंगा का जलस्तर भी बढ़ सकता है।

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