जंगली बाबा नहर के माइनर में खर-पतवार, किसान चितित

जागरण संवाददाता गड़वार (बलिया) जंगली बाबा नहर के माइनर की सफाई नहीं की गई है। इसमे

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 05:03 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 05:03 PM (IST)
जंगली बाबा नहर के माइनर में खर-पतवार, किसान चितित
जंगली बाबा नहर के माइनर में खर-पतवार, किसान चितित

जागरण संवाददाता, गड़वार (बलिया) : जंगली बाबा नहर के माइनर की सफाई नहीं की गई है। इसमें झाड़ियों व खर-पतवार की भरमार हो गई है। इस पर आश्रित गड़वार, बभनौली, गोविदपुर, पिपरसंडा के दर्जनों किसानों के सैकड़ों बीघा खेतों में सिचाई के लिए पानी नहीं पहुंच पाता है।

खरीफ फसलों की बोवाई से पूर्व ही प्रतिवर्ष अप्रैल और मई माह के बीच सभी माइनरों की सफाई नहर विभाग द्वारा कराई जाती रही है, लेकिन कुछ वर्षों से सफाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। धान की नर्सरी से लेकर रोपाई तक किसान पंपिगसेट चलाकर करने को मजबूर हैं। इससे खेती में लागत कई गुना बढ़ गई है। विभागीय लापरवाही व भ्रष्टाचार के कारण किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है। किसान चितित हैं कि रोपाई तो किसी तरह कर लिए लेकिन धान की फसल में छह से सात बार पानी चलाना पड़ता है। बभनौली के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि धनशेर वर्मा ने कहा कि यदि नहर विभाग के जेई स्टीमेट बनाकर दें तो सफाई का कार्य मनरेगा मजदूरों द्वारा कराया जा सकता है। आग्रह करने के बाद भी सफाई के लिए एनओसी देने में शिथिलता बरती जा रही है।

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नहर विभाग द्वारा नहरों व माइनरों की सिल्ट की सफाई का प्रस्ताव वर्ष में एक बार अक्टूबर-नवंबर में जाता है। बीच में अगर सफाई करानी हो तो ग्राम प्रधान एक्सईएन से एनओसी लेकर ग्राम पंचायत निधि से सफाई करा सकते हैं।--

विवेक सिंह,

जेई, सिचाई खंड प्रथम, बलिया।

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