संरक्षित करेंगे जल, बुझाएंगे 37 तालाबों की प्यास
----------- जागरण संवाददाता बलिया गढ़मलपुर नहर मार्ग पर चौबेपुर व इंदरपुर डाक बंगला
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जागरण संवाददाता, बलिया : गढ़मलपुर नहर मार्ग पर चौबेपुर व इंदरपुर डाक बंगला के बीच मुख्य खेती धान व गेहूं है। इस नहर के किनारे आधा दर्जन तालाब सूखे हैं जबकि चौबेपुर, बसनवार, असनवार, कुरेजी, उकछी, विसुनपुरा व कुकुरहां समेत 50 गांवों में सब्जी की अच्छी खेती होती है। ये तालाब सिचाई के बड़े साधन हैं, कारण कि नहरों का पानी किसान इन तालाबों में इसलिये भरते हैं ताकि जल संचयन हो। सिचाई के वक्त अगर नहर में पानी नहीं भी आए तो सिचाई का संकट उनके सामने न खड़ा हो। ऐसे जिले के 37 तालाबों को अब पानी से लबालब करने की तैयारी है। मुख्य सचिव ने बलिया समेत पूर्वांचल के सभी जिलों में सात से 15 मई तक जल संरक्षण अभियान के आदेश दिये हैं। जल संरक्षित करते हुए सरोवरों की प्यास बुझाई जाएगी। सिचाई विभाग ने विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। नहर के किनारे सूखे तालाबों को भरने के लिये घाघरा नदी और सुरहा ताल से करीब 700 क्यूसेक पानी लिफ्ट किया जाएगा, जो 55 छोटी-बड़ी नहरों व माइनरों के जरिये तालाबों में पहुंचाया जाएगा। विभागीय इंजीनियरों को निर्देश जारी किये हैं।
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सूख गये तालाब, उड़ रही धूल
रसड़ा : रसड़ा क्षेत्र में मनरेगा से जिन पोखरों की खोदाई कराई गई थी, वह अब सूख चुके हैं। कोटवारी, मंदा, महराजपुर, अतरसुआं, रसूलपुर आदि गांवों के तालाब में नाम मात्र पानी रह गया है। इन तालाबों की प्यास सिर्फ बारिश में ही बुझती है, लेकिन जिम्मेदार विभाग सिर्फ कागजी कोरम पूरा करने में जुटे हैं। तालाब बेपानी, हर नहर की यही कहानी
नगरा : नहरों के किनारे तालाब बेपानी हैं। तूर्तीपार पंप कैनाल सूखा पड़ा है। इसकी शाखा सिकंदरपुर व पंदह राजवाहा भी सूखी पडी है। ककरी गांव के पास नहर के किनारे पोखरा सूख गया है। सिर्फ बरसात में यह लबालब रहता है। ककरी गांव के सैकड़ों किसानों के फसलों की सिचाई बाधित है। कमरौली, इंदासों , ककरी, ढेकवारी, नरहीं, इनामीपुर ,जूडनपुर, देवरिया, बडसरासलेमपुर, वीरपुरा, आदि गांवों में परेशानी गंभीर है।
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कोट नहर के किनारे तालाबों को पानी से लबालब करने की योजना बना ली गई है। प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में इसे शामिल किया गया है। सभी इंजीनियरों को निर्देश जारी किये गये हैं।
-- चंद्र बहादुर पटेल, अधिशासी अभियंता, सिचाई विभाग