बाल गृह के बच्चों को कोरोना से बचाव को दिए टिप्स
महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत प्रदेश में संचालित 180 बाल गृहों मे
जागरण संवाददाता, बलिया : महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत प्रदेश में संचालित 180 बाल गृहों में रह रहे शून्य से 18 साल के बच्चों को कोरोना से सुरक्षित बनाने को लेकर शनिवार को विभागीय कोविड वर्चुअल ग्रुप के अधिकारियों और विशेषज्ञों ने गहनता से विचार-विमर्श किया।
वेबिनार में उपस्थित एसजीपीजीआई लखनऊ की वरिष्ठ कंसलटेंट पीडियाट्रिशियन डॉ. पियाली भट्टाचार्य ने कहा कि इस समय बच्चों में कोई भी नए लक्षण नजर आएं तो उनको नजरंदाज करने की कतई जरूरत नहीं है। बच्चों में डायरिया, उल्टी-दश्त, सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी, आँखें लाल होना या सिर व शरीर में दर्द होना, सांसों का तेज चलना आदि कोरोना के लक्षण हो सकते हैं । बच्चों के खाद्य पदार्थों में हरी साग-सब्जी, दाल, मौसमी फल जैसे- तरबूज, खरबूज, नींबू, संतरा आदि को जरूर शामिल करें। पनीर, मठ्ठा, छाछ, गुड-चना आदि दिया जा सकता है। बाल गृहों में हेल्प डेस्क की स्थापना हो और वहां पर हेल्पलाइन नंबर -1075, 1800112545 और चाइल्ड लाइन का नंबर 1098 का डिस्प्ले जरूर हो। निदेशक, महिला कल्याण मनोज कुमार राय ने कहा कि कोविड-19 को देखते हुए बाल गृहों में रह रहे बच्चों को पहले से ही विभिन्न आयु वर्ग में विभाजित कर उनके स्वास्थ्य की देखभाल की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश में 180 बाल गृह संचालित हो रहे हैं। करीब 7000 बच्चे रह रहे हैं ।