पीपा पुल टूटते ही तहसील से 120 किमी दूर नौरंगा

लवकुश सिंह बलिया ---------------- उत्तर प्रदेश व बिहार की सीमा पर बसा नौरंगा। इस गांव

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 06:17 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 06:17 PM (IST)
पीपा पुल टूटते ही तहसील से 120 किमी दूर नौरंगा
पीपा पुल टूटते ही तहसील से 120 किमी दूर नौरंगा

लवकुश सिंह, बलिया

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उत्तर प्रदेश व बिहार की सीमा पर बसा नौरंगा। इस गांव की आबादी 40 हजार। आधा गांव यूपी और आधा बिहार में है। यहां के रोहित कुमार यादव को निवास प्रमाण पत्र बनवाने को अपनी तहसील बैरिया जाने में 120 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ी। थोड़ा डिटेल में आपको समझाते हैं। दिसंबर 2020 में छात्रवृत्ति के लिए उन्हें निवास प्रमाण पत्र बनवाना था। उस वक्त अगर गंगा में पीपा पुल बना होता तो उनकी दूरी सिर्फ 20 किमी होती। लेकिन वे पगडंडी से छह किलोमीटर पैदल चलकर चक्की नौरंगा बाजार (बिहार) पहुंचे। यहां से खचाखच भरी मिनी बस से बक्सर। फिर बलिया होते हुए अपनी तहसील बैरिया आ गए। लेकिन दूसरी बार जनवरी में फिर चक्कर लगाया। इस बार भी उनके हाथ निराशा लगी। तंग आकर उन्होंने प्रमाण पत्र बनवाने की कोशिश ही छोड़ दी। बकौल रोहित, अफसरों ने उनकी एक नहीं सुनीं, सिर्फ दौड़ाया। रोहित ही नहीं, बल्कि उनके जैसे हजारों लोग रोज झेल रहे हैं।

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गर्मी में सिर्फ चार महीने रहता है पीपा पुल

गर्मी में हर साल एक पीपा पुल बनता है, जिससे तीन-चार माह लोगों को कुछ राहत मिलती है लेकिन बाद के दिनों में गांव के लोगों को सड़क मार्ग से आरा के ब्रम्हपुर, बक्सर होते तहसील पहुंचना पड़ता है।

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दो प्रांतों से मांगा राशन, नहीं मिला अधिकार

गांव के घुरूल मंसूरी व मुन्नी खातून ने बताया कि राशन कार्ड के लिए यूपी और बिहार दोनों तरफ आवेदन किया लेकिन कहीं से भी न कार्ड और न ही राशन मिला। किसान रवींद्र ठाकुर व जितेंद्र ठाकुर ने बताया कि उन्हें खाद या बीज भी दोनों तरफ से नहीं मिलता।

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गांव का इतिहास-भूगोल

बैरिया विधानसभा क्षेत्र के नौरंगा में 7800 मतदाता हैं। विधायक सुरेंद्र सिंह हैं। गांव में पुरवे नौरंगा, चक्की नौरंगा, भुवाल छपरा, उदयी छपरा के डेरा हैं। गांव का मुख्य धंधा खेती और पशुपालन है, यहां बिजली एक माह पहले एक समझौते के तहत विधायक के प्रयास से पहुंची लेकिन सड़कें नहीं है, कोई इंटर कालेज भी नहीं है। अब एक राजकीय इंटर कालेज का निर्माण हो रहा है। यह सौगात उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने 2019 में दी थी। गांव में पांच प्राथमिक और एक मिडिल स्कूल है लेकिन पढ़ाई के नाम पर सिर्फ कोरमपूर्ति है। गांव का आधा हिस्सा विधानसभा शाहपुर बिहार में है, लगभग आठ हजार मतदाताओं वाले इस इलाके के विधायक राजद के राहुल तिवारी हैं। सरकार नहीं देती विकास पर ध्यान

इस गांव के विकास पर जोर नहीं देती। यहां जब तक पक्का पुल नहीं बनेगा, हम यूपी का होकर भी यूपी के नहीं हैं। पक्का पुल इस गांव के सामने बनना था जिसे 15 किमी दूर बनाया जा रहा है।

-सुरेंद्र ठाकुर, ग्राम प्रधान, नौरंगा

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