नहीं मिली गाइडलाइन, असमंजस में अस्थायी पटाखा दुकानदार

जागरण संवाददाता बलिया दीपावली का त्योहार नजदीक है इधर पटाखा की दुकानों को लेकर गाइड

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 05:56 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 05:56 PM (IST)
नहीं मिली गाइडलाइन, असमंजस में अस्थायी पटाखा दुकानदार
नहीं मिली गाइडलाइन, असमंजस में अस्थायी पटाखा दुकानदार

जागरण संवाददाता, बलिया : दीपावली का त्योहार नजदीक है, इधर पटाखा की दुकानों को लेकर गाइडलाइन नहीं मिली है, इसके चलते दुकानदार परेशान हैं। गाइडलाइन आने के बाद ही अस्थाई दुकान का लाइसेंस को लेकर स्थिति स्पष्ट होगी। फिलहाल प्रशासन ने थोक पटाखा के लिए एक कारोबारी का लाइसेंस जारी किया है। पिछले साल तीन कारोबारी थे। दो थोक विक्रेताओं ने आवेदन ही नहीं किया है। पिछले साल अस्थाई दुकान 65 थी। नगर में पटाखा की बिक्री के लिए दीपावली से तीन दिन पहले रामलीला मैदान में दुकानें लगती हैं। प्रशासन व नगर पालिका परिषद की दुकान लगवाने की जिम्मेदारी है। इसमें अग्निशमन विभाग की भूमिका अहम है। फायर ब्रिगेड के साथ ही जवानों की तैनाती होती है। किसी तरह के हादसे से निपटने के लिए दुकानों के पास बालू, पानी व अग्निशमन यंत्र आदि रखना अनिवार्य होता है। वहीं एक दूकान से दूसरे की दूरी भी तीन मीटर रखी जाती है।

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तीव्र ध्वनि व हानिकारक गैस हृदय रोगियों के लिए खतरनाक

अमरनाथ पीजी कालेज दूबेछपरा के पूर्व प्राचार्य एवं पर्यावरणविद् डा. गणेश पाठक ने बताया कि तीव्र ध्वनि वाले पटाखों में बारूद, तारकोल, सल्फर एवं नाइट्रोजन जैसे रसायनों का प्रयोग अधिक मात्रा में होता है। इसके चलते पटाखों में चिगारी व धुआं निकलता है और तेज आवाज होती है। विस्फोट से रसायनों का मिश्रण गैस के रूप में वातावरण में फैल जाता है, जिससे वायु एवं ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है। सूक्ष्म धूल के कण (पार्टिकुलेट मैटर) स्वास्थ्य के लिए घातक सिद्ध होते हैं। पटाखों से निकलने वाली सल्फर डाई आक्साइड एवं नाइट्रोजन आक्साइड गैसों तथा लेड सहित अन्य रासायनिक तत्वों के सूक्ष्म कणों का प्रभाव अस्थमा एवं हृदय के रोगियों के लिए हानिकारक है। इन गैसों एवं रासायनिक तत्वों की मात्रा अधिक होने पर श्वांस नली में सिकुड़न बढ़ने लगती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होने लगती है।

----- पटाखा के दुकानों के संबंध में कोई गाइडलाइन नहीं आई है। ऐसे में लाइसेंस को लेकर कोई निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है, शासन के निर्देश आते ही नियमानुसार दुकानों के लिए आवेदन लिए जाएंगे।

- प्रदीप कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट

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