रिजल्ट पाकर चहके विद्यार्थी, शत-प्रतिशत पास

यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के रिजल्ट को लेकर शनि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 07:21 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 07:21 PM (IST)
रिजल्ट पाकर चहके विद्यार्थी, शत-प्रतिशत पास
रिजल्ट पाकर चहके विद्यार्थी, शत-प्रतिशत पास

जागरण संवाददाता, बलिया : यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के रिजल्ट को लेकर शनिवार को सुबह से ही सभी विद्यार्थियों और अभिभावकों में उत्सुकता थी। कोरोना महामारी के चलते यूपी बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा को रद कर दिया था। जनपद में 10वीं और 12वीं के कुल 1,63,204 विद्यार्थी हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक डा. ब्रजेश मिश्र ने बताया कि जिलावार पास और फेल का डाटा रिजल्ट के एक या दो दिन के बाद आएगा। बोर्ड की ओर से इस बार मेरिट भी नहीं बनाई गई है। शासन स्तर से तय फार्मूले के आधार पर औसत अंक दिए गए हैं। इसमें वही छात्र फेल हो सकते हैं जो प्री बोर्ड एग्जाम में शामिल नहीं हुए होंगे। उनका अंक पत्र परिषद की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया होगा।

बलिया में इंटरमीडिएट के 78,790 और हाईस्कूल के 84,414 विद्यार्थी हैं। 10वीं में छात्रों की संख्या 50735 व छात्राओं की संख्या 33679 है। इंटरमीडिएट में छात्रों की संख्या 48167 व छात्राओं की संख्या 30623 है। जनपद में 32 राजकीय इंटर कालेज, 91 अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय और 484 वित्त विहिन विद्यालयों के विद्यार्थियों में रिजल्ट को लेकर खुशी का माहौल रहा। सभी विद्यालयों में भी चहल-पहल का माहौल रहा। यूपी बोर्ड के 100वें साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब शत-प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए। सरकार के इस निर्णय से सभी कालेजों को भी राहत मिली है।

वित्तविहीन विद्यालयों ने किया खेल

रिजल्ट से पूर्व माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से सभी विद्यालयों से प्री बोर्ड एग्जाम और पूर्व की कक्षा का अंक पत्र अपलोड करने को कहा गया था। उसमें राजकीय और एडेड विद्यालयों की ओर से तो विद्यार्थियों की योग्यता और क्षमता के अनुसार अंक दिया गया था, लेकिन वित्तविहीन विद्यालयों की ओर से मनमाने अंक दिए गए। रिजल्ट आने के बाद विद्यार्थियों के अंक प्रतिशत देखने के बाद इससे पर्दा हटा।

खराब रिजल्ट से बचे विद्यालय

सरकार के इस निर्णय से सभी कालेज खराब रिजल्ट के कलंक से भी बच गए। हर साल बोर्ड परीक्षा संपन्न होने के बाद कालेजों की प्रतिष्ठा रिजल्ट से जुड़ी होती थी। खराब रिजल्ट देने वाले कालेजों की खूब किरकिरी होती थी। वहां के शिक्षकों की पढ़ाई पर भी सवाल उठते थे। जनपद स्तर पर शिक्षा विभाग की कार्यशैली का भी आकलन होता था। इस बार यह पहला मौका है जब विद्यार्थी, अभिभावक, शिक्षक, प्रबंधक, शिक्षा विभाग के अधिकारी सहित सभी सुकून में हैं। स्नातक में प्रवेश के लिए होगी भीड़

यूपी बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट शत-प्रतिशत होने की वजह से इस साल स्नातक में प्रवेश लेने वाले छात्र, छात्राओं की ज्यादा भीड़ होगी। बहुत से कालेजों में मेरिट के आधार पर प्रवेश लेने की तैयारी है, वहीं कुछ में लिखित परीक्षा लेकर प्रवेश लेने का निर्णय लिया गया है।

चार साल का रिजल्ट

2018 : हाईस्कूल-49.86 फीसद

-इंटरमीडिएट-51.57 फीसद

2019 : हाईस्कूल-61.56 फीसद

-इंटरमीडिएट-53.30 फीसद

2020 : हाईस्कूल-75.67 फीसद

-इंटरमीडिएट-57.57 फीसद

2021 : हाईस्कूल-शत-प्रतिशत

-इंटरमीडिएट-शत-प्रतिशत

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-चार साल में वर्ष वार पंजीकृत परीक्षार्थी

-2018 में हाईस्कूल में 117891 व इंटर में 92954 परीक्षार्थी।

-2019 में हाईस्कूल में 85892 व इंटर में 75542 परीक्षार्थी।

-2020 में हाईस्कूल में 82206 व इंटर में 77099 परीक्षार्थी।

-2021 में इंटरमीडिएट में 78,790 व हाईस्कूल के 84,414 परीक्षार्थी।

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नंबर गेम

इंटरमीडिएट

76645 : संस्थागत छात्र

2145 : व्यक्तिगत छात्र

48167 : कुल छात्रों की संख्या

30623 : कुल छात्राओं की संख्या

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हाईस्कूल

84055 : संस्थागत छात्र

359 : व्यक्तिगत छात्र

50735 : कुल छात्रों की संख्या

33679 : कुल छात्राओं की संख्या

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