बलिया में डेंगू के छह और बढ़े मरीज, संख्या हुई 39

जागरण संवाददाता बलिया गर्मी और खासकर बारिश के मौसम में मच्छर से होने वाली बीमारियां भी

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 06:07 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 06:07 PM (IST)
बलिया में डेंगू के छह और बढ़े मरीज, संख्या हुई 39
बलिया में डेंगू के छह और बढ़े मरीज, संख्या हुई 39

जागरण संवाददाता, बलिया : गर्मी और खासकर बारिश के मौसम में मच्छर से होने वाली बीमारियां भी बढ़ जाती हैं। बलिया के कई हिस्सों में डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं। सोमवार को भी डेंगू के छह नए मामले मिले। इसके लेकर अब डेंगू के 39 मरीज हो गए। सभी का उपचार चल रहा है। जिला अस्पताल के ओपीडी में दिखाने के बाद मरीज घर पर रहकर अपनी दवा ले रहे हैं। मरीजों के आसपास के इलाकों में छिड़काव भी किया जा रहा है। जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि हर दिन मामले बढ़ रहे हैं। इसमें आमलोगों की सतर्कता ही बचाव का उपाय है। जिला अस्पताल के सीएमएस डा. बीपी सिंह ने बताया कि मरीज जिला अस्पताल में आ रहे हैं, लेकिन कोई मरीज यहां भर्ती नहीं है। उन्होंने कहा कि डेंगू होने पर बुखार के अलावा सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द भी होता है। इसके अलावा आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमजोरी, भूख नहीं लगना, गले में दर्द होना, मुंह का स्वाद खराब हो जाना और शरीर पर रैशेज जैसे लक्षण भी नजर आ सकते हैं। डेंगू के ज्यादातर लक्षण आम वायरल फीवर जैसे ही होते हैं। इसलिए तीन दिन ये ज्यादा बुखार आने पर जांच अवश्य कराना चाहिए।

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जलजमाव के कारण बढ़ रहे डेंगू मरीज

डेंगू के मामले में घर-घर के लोग सतर्कता बरत रहे हैं लेकिन घर के बाहर जो जलजमाव है, उससे संक्रामक बीमारियों के फैलने का ज्यादा खतरा है। शहर की बात करें तो यहां जगह-जगह तीन माह से जलजमाव है। इधर बारिश के चलते भी स्थिति और भयावह हो गई है। नगरपालिका के नाले भी जगह-जगह जाम हैं। मोहल्लों की छोटी नालियां खुली पड़ीं हैं। फागिग का कार्य भी केवल नाम के लिए हो रहा है। ऐसे में जलजमाव वाले स्थानों पर मादा एडीज मच्छर उत्पन्न हो रहे हैं।

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-कैसे होते हैं डेंगू वाले मच्छर

डेंगू मादा एडीज मच्छर सामान्य मच्छर से अलग होते हैं। इनके शरीर पर चीते जैसी धारियां बनी होती है। इस मच्छर के पैर पर सफेद रंग की धारियां बनी होती हैं। यह मच्छर अक्सर रोशनी में ही काटते हैं। सुबह के वक्त इनके काटने की संभावना ज्यादा होती है। अगर रात में भी रोशनी ज्यादा है तो भी यह काट सकते हैं। इसलिए सुबह और दिन के वक्त इन मच्छरों का ज्यादा ध्यान रखना जरूरी है।

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