भाइयों की दीर्घायु के लिए बहनों ने रखा रुद्र व्रत पीड़िया

जागरण संवाददाता बलिया भाइयों की लंबी उम्र खुशहाली व सुख-समृद्धि के लिए सोमवार को प्रबलता के

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 04:34 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 04:34 PM (IST)
भाइयों की दीर्घायु के लिए बहनों ने रखा रुद्र व्रत पीड़िया
भाइयों की दीर्घायु के लिए बहनों ने रखा रुद्र व्रत पीड़िया

जागरण संवाददाता, बलिया : भाइयों की लंबी उम्र, खुशहाली व सुख-समृद्धि के लिए सोमवार को प्रबलता के प्रतीक रुद्रव्रत पीड़िया का बहनों ने सोमवार को समापन किया। महिलाओं व बालिकाओं ने हर्षोल्लास से नदी व पोखरों में पीड़िया का विसर्जन किया। रविवार की रात जागकर पारंपरिक गीत-गवनई चलती रही। दिन व्रती लड़कियों ने कहानियां सुनीं। साथ ही नए चावल व गुड़ का रसियाव बनाया। दिन भर उपवास रहने के बाद शाम को सोरहिया के साथ रसियाव ग्रहण किया। व्रती के जितने भाई रहते हैं उस संख्या के हिसाब से प्रति भाई 16 धान से चावल निकालकर सोरहिया निगलने की परंपरा है। व्रत के बाद गोवर्धन पूजा के दिन से निर्धारित तिथि पर लगाए गए गोबर की पीड़िया को सुबह तालाब या नदी पोखरों में पारंपरिक गीतों के साथ बड़े ही उत्साह से विसर्जित कीं। साथ ही चिउड़ा व मिठाई एक-दूसरे से आदान-प्रदान करने के बाद पारण कर व्रत तोड़ीं। गोवर्धन पूजा के दौरान गोबर से घर की दीवारों पर छोटे-छोटे पिड आकार में लोकगीतों के माध्यम से पीड़िया लगाई जाती है। यह क्रम निर्धारित तिथि पर पीड़िया व्रत के दिन तक चलता है। वहीं लड़कियां घर की बुजुर्ग महिलाओं से अन्नकूट से कार्तिक चतुर्दशी तक छोटी कहानी व कार्तिक पूर्णिमा से अगहन अमावस्या तक सुबह स्नान कर बड़ी कहानी सुनती हैं। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं व युवतियां ट्रैक्टर, मैजिक, जीप व बस से गीत गाती हुई महावीर घाट गंगा तट पर पहुंचीं। यहां पर पीड़िया की रस्म अदायगी की। इससे शहर में जाम की स्थिति हो गई। शहर के महावीर घाट से लेकर गंगा तट तक वाहनों का काफिला लगा रहा। डीजे की धुन पर नाच-गाना चलता रहा।

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