ओम नम: शिवाय

बाबा सिद्धेश्वर नाथ सूर्य देवता मंदिर जनपद के बेरुआरबारी ब्लाक मुख्यालय से मात्र तीन किलोमीटर

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 04:41 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 04:41 PM (IST)
ओम नम: शिवाय
ओम नम: शिवाय

बाबा सिद्धेश्वर नाथ सूर्य देवता मंदिर जनपद के बेरुआरबारी ब्लाक मुख्यालय से मात्र तीन किलोमीटर पूरब दिशा में सुरहाताल के किनारे कैथवली गांव के समीप सिधौली मौजा में स्थित बाबा सिद्धेश्वर नाथ सूर्य देवता मंदिर जनमानस के बीच आस्था व विश्वास का केंद्र बना हुआ है। शिवलिग व इस स्थान का प्रताप देख दुर्गा दास उर्फ लालबाबा ने 1991 में यहां मंदिर निर्माण का संकल्प लिया जो आज भव्य मंदिर के रूप में भक्तों के बीच है। शिव मंदिर में बाबा सिद्धेश्वर नाथ के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

इतिहास

इस मंदिर का इतिहास त्रेता युग से जुड़ा है। लाल बाबा बताते हैं कि त्रेता युग के अंतिम चरण में महाराज सूरथ द्वारा यहां एक शिवलिग स्थापित किया गया था जो बाबा सिद्धेश्वर नाथ के नाम से प्रसिद्ध। यह वही स्थान है जहां मेधा ऋषि का आश्रम था जिनके सानिध्य में महाराज सूरथ मां भगवती दुर्गा की उपासना किया करते थे। मंदिर के समीप ही सूर्य कुंड स्थित है जहां भगवान सूर्य की सभा हुई थी। भगवान सूर्य ने अपने मानस पुत्र के रूप में महाराज सूरथ को सवर्णनी मनु के रूप में अपनाया था। तभी से यह स्थान सूर्य देवता मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है ।

विशेषता--

चारों तरफ से पेड़ पौधों के बीच घिरा यह मंदिर अच्छे पर्यावरण का भी संदेश देता है। इस स्थान के तेज व प्रताप को देख दिन प्रतिदिन यहां भक्तों की भीड़ बढ़ती जा रही है। सावन व नवरात्र के पवित्र महीने में मेले जैसा दृश्य बना रहता है।

--वर्जन--

सावन मास में बाबा के दरबार में दर्शन पूजन के लिए भक्तों का रेला लगा रहता है। आज मंदिर में जो भव्यता दिख रही है यह सब भक्तों के सहयोग से ही संभव हो पाया है।

-पंडित पवन पांडेय, पुजारी।

------ -वर्जन--इस दरबार में जो भी भक्त सच्चे मन से आते हैं बाबा भोलेनाथ उनकी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। आज तक इस दरबार से कोई भी भक्त निराश नहीं गया।

--दुर्गादास, संत।

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