एसडीएम साहब, यहां भी चलाएं स्वच्छता अभियान

दोनों नालों की दूरी -कहां से कहां तक जाता है -वित्तीय वर्ष में किस-किस मद से हुई खोदाई -वर्तमान में क्या है स्थिति

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 05:22 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jan 2019 05:22 PM (IST)
एसडीएम साहब, यहां भी चलाएं स्वच्छता अभियान
एसडीएम साहब, यहां भी चलाएं स्वच्छता अभियान

जागरण संवाददाता, बिल्थरारोड (बलिया) : देशभर में युद्धस्तर पर जारी स्वच्छता अभियान से बिल्थरारोड तहसील प्रशासन को मानो कोई सरोकार नहीं है। यहां गंदगी व बदबू के बीच ही एसडीएम न्यायालय तक जाने को विवश हैं वादकारी व वकील। तहसील परिसर में शौचालय होने के बावजूद जहां-तहां शौच करने को विवश हैं लोग। ऐसा क्यों, एसडीएम साहब आप स्वयं ही विचार करें। तहसील परिसर में वर्षों पूर्व बना सामुदायिक शौचालय रख-रखाव व मरम्मत के अभाव में जर्जर हो गया और साफ-सफाई बिन यहां कूड़ों का ढेर लगा है जबकि तहसील भवन में बने अधिकांश शौचालयों में ताला लटका रहता है।

ऐसे में लोग पूरे दिन निपटने के लिए तहसील भवन की दीवारों व किनारों का ही सहारा लेते हैं। हालांकि बिल्थरारोड तहसील अंतर्गत सीयर ब्लाक में बीडीओ पीएन त्रिपाठी, ग्राम प्रधान व सचिव लगातार स्वच्छता को लेकर जागरुकता अभियान चला रहे हैं ¨कतु बिल्थरारोड प्रशासन को मानो इससे कोई सरोकार नहीं है। यूं तो बिल्थरारोड तहसील परिसर में सत्र 2007-08 में ग्राम पंचायत चौकिया द्वारा बने सामुदायिक शौचालय का लोकार्पण गत 26 फरवरी 2008 को तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट मयूर माहेश्वरी ने किया था।

यहां लगे शिलापट्ट आज भी उक्त शौचालय निर्माण में तत्कालीन प्रधान रामजन्म चौरसिया, जिला पंचायत राज अधिकारी एसपी ¨सह, उपजिला मजिस्ट्रेट नन्द लाल यती के महत्वपूर्ण भूमिका व योगदान की गवाही दे रहा है लेकिन उक्त सामुदायिक शौचालय वर्तमान में सफाई के अभाव में पूरी तरह से गंदगी का पर्याय बन गया है। मरम्मत के अभाव में इसके मूत्रालय व शौचालय की अधिकांश सीट, दरवाजा व फर्श आदि टूट गए हैं। यहां पहुंचने तक का रास्ता काफी गंदगी व बदबू से भरा है।

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