कोरोना के बीच बढ़ा बर्ड फ्लू का खतरा
कोरोना संक्रमण के कम होते खतरे के बीच अब भारत के कई राज्यों म
जागरण संवाददाता, बलिया : कोरोना संक्रमण के कम होते खतरे के बीच अब भारत के कई राज्यों में बर्ड फ्लू के मामले बढ़ते जा रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि बर्ड फ्लू को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जनपद स्तरीय रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है। जिला सर्विलांस अधिकारी डा. विजय यादव के नेतृत्व में टीम सक्रिय है। बताया कि इंसान से इंसान में बर्ड फ्लू के ट्रांसमिशन का जोखिम कम है लेकिन पक्षियों के संपर्क में न आएं। बर्ड फ्लू से बचने के उपाय
इसका कारगर उपाय है कि आप पक्षियों से सीधे संपर्क में न आएं। उनकी बीट को न छुएं। जहां पक्षी रहते हैं, वहां बिल्कुल न जाएं। नानवेज अच्छे से पकाकर ही खाएं, इससे रिस्क खत्म हो जाता है। यूं हो सकते संक्रमित
संक्रमित पक्षी के मल, नाक, मुंह या आंखों से निकलने वाले पदार्थ के संपर्क में आने पर इंसान संक्रमित हो सकता है। यह वायरस इंसानों में आंख, नाक और मुंह के जरिए प्रवेश कर सकता है। कच्चे और दूषित पोल्ट्री प्रोडक्ट खाने से भी आप संक्रमित हो सकते हैं। ये हैं लक्षण
बर्ड फ्लू के सारे लक्षण वायरल वाले ही हैं। इसमें भी जुकाम, खांसी, बुखार, बदन दर्द और मांसपेशियों में दर्द होता है। इनके अलावा सांस फूलने की शिकायत, नाक से खून, आंख लाल होना, डायरिया, पेट में दर्द भी हो सकता है। इसके लक्षण दिखने के बाद तुरंत हास्पिटल में एडमिट हो जाएं या आइसोलेशन में जाएं। -पर्याप्त दवा उपलब्ध
जिला महामारी रोग विशेषज्ञ डा. जियाउल हुदा ने बताया कि अलग-अलग तरह के बर्ड फ्लू का अलग-अलग तरीकों से इलाज किया जाता है लेकिन ज्यादातर मामलों में एंटीवायरल दवाओं से इसका इलाज किया जाता है। लक्षण दिखने के 48 घंटों के भीतर इसकी दवाएं लेनी जरूरी होती हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।