एक साल में 30 किमी भी ठीक नहीं हुई एनएच-31 की सूरत

यूपी-बिहार को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-31 की मरम्मत को लेकर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 07:08 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 07:08 PM (IST)
एक साल में 30 किमी भी ठीक नहीं हुई एनएच-31 की सूरत
एक साल में 30 किमी भी ठीक नहीं हुई एनएच-31 की सूरत

जागरण संवाददाता, बलिया : यूपी-बिहार को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-31 की मरम्मत को लेकर चार साल से बलिया के लोग आंदोलन कर रहे हैं। सड़क के निर्माण को लेकर राजनीति भी खूब हुई। लोगों के शोर मचाने के बाद गाजीपुर से मांझी घाट तक लगभग 130 किमी के मरम्मत कार्य के लिए जून 2020 में 102 करोड़ में टेंडर हुआ। कार्य की अवधि एक साल दी गई लेकिन एक साल में बैरिया में ज्यादा खराब 30 किमी सड़क की भी मरम्मत नहीं हो सकी। जयपुर के मेसर्स कृष्णा इंफ्रास्ट्रक्चर के जिम्मे यह कार्य सौंपा गया है। एनएचएआइ के अधिकारी ही बताते हैं कि कंपनी ने एक साल में लगभग 20 किमी ही सड़क का निर्माण कराया है।

आधा-अधूरा छोड़ दिया गया काम :

जनप्रतिनिधियों की चेतावनी के बाद भी कार्य में कोई प्रगति नहीं देखी गई। जब यह टेंडर हुआ, तब कहा जा रहा था कि गाजीपुर और मांझी घाट दोनों तरफ से सड़क की मरम्मत शुरू होगी। इस क्रम में बैरिया से मांझी घाट तक के लिए कार्य जरूर शुरू भी हुआ लेकिन आधा-अधूरा करके छोड़ दिया गया। आमलोग कहते हैं कि बेलहरी से मांझी घाट तक लगभग 30 किलोमीटर का कार्य एक सप्ताह में पूरा किया जा सकता है।

एक्सप्रेस वे की सौगात से दबाते रहे शोर :इस सड़क की मरम्मत को लेकर जब-जब लोग मुखर हुए, उनके शोर को कभी फोरलेन तो कभी अन्य एक्सप्रेस वे की सौगात के नाम पर दबा दिया गया। अब बारिश के बीच सड़क की दशा ऐसी हो चली है कि उस पर हर किसी की फजीहत हो रही है। दुर्घटनाएं भी हर दिन हो रही हैं। इस रूट पर अन्य वाहनों के अलावा लगभग चार हजार ट्रकों का परिचालन हर दिन होता है।

कार्यदायी संस्था का भुगतान रोका, चेतावनी

एनएचएआइ के तकनीकी प्रबंधक योगेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कोरोना को लेकर मरम्मत कार्य के लिए समय बढ़ाया गया है। मुहम्मदाबाद में कंपनी ने बड़ा प्लांट स्थापित किया है। मानसून के दरम्यान भी मौसम ठीक रहने पर कार्य जारी रहेगा। संबधित कंपनी को कड़ी चेतावनी देने के साथ ही भुगतान भी रोका गया है।

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