साइरिक्स कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति

डेढ़ महीने से खराब पड़ी जिला अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन को बनान

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 06:18 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 06:18 PM (IST)
साइरिक्स कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति
साइरिक्स कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति

जागरण संवाददाता, बलिया : डेढ़ महीने से खराब पड़ी जिला अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन को बनाने में आनाकानी करने वाली साइरिक्स कंपनी के विरुद्ध नेशनल हेल्थ मिशन के एमडी ने कार्रवाई की संस्तुति की है। उन्होंने यह यह कदम जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. बीपी सिंह का पत्र मिलने के बाद उठाया है।

जिले की एकमात्र सरकारी अल्ट्रासाउंड मशीन का प्रोब डेढ़ महीने से खराब है। इस पर लगभग सात लाख रुपये का खर्च आएगा। स्वास्थ्य विभाग ने साइरिक्स कंपनी लखनऊ को वर्क आर्डर जारी किया है, लेकिन इस कंपनी ने आज तक उसे ठीक नहीं किया। जिला अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 1500 मरीज पहुंचते हैं। इसमें लगभग 200 से अधिक मरीजों को अल्ट्रासाउंड जांच की जरूरत होती है। अस्पताल में सुविधा नहीं मिलने के कारण मरीजों को निजी केंद्रों पर जाना पड़ रहा है। इसके लिए मरीजों को 600 से 800 रुपये देने पड़ रहे हैं। बार-बार रिमाइंडर के बाद भी लखनऊ की कंपनी तेजी नहीं दिखा रही है। इससे खफा जिला अस्पताल के सीएमएस डा. बीपी सिंह ने नेशनल हेल्थ मिशन के एमडी को पत्र भेजा। सीएमएस ने अपने पत्र में अल्ट्रासाउंड के अभाव में हो रही दिक्कतों से बिदुवार अवगत कराया है। इसके बाद नेशनल हेल्थ मिशन के एमडी ने साइरिक्स कंपनी पर कार्रवाई की संस्तुति की है। महिला अस्पताल में रेडियोलाजिस्ट के अभाव में बंद है अल्ट्रासाउंड जांच

महिला अस्पताल में भी अल्ट्रासाउंड जांच बंद चल रही है। यहां मशीन ठीक हाल में है, लेकिन उसे चलाने के लिए रेडियोलाजिस्ट नहीं है। इसके चलते यहां मशीन धूल फांक रही है। मरीज बाहर जाकर अपनी जांच करा रहे हैं। यहां भी ओपीडी में लगभग 500 महिला मरीज रोज आती हैं। कुल ओपीडी के हिसाब से 15 प्रतिशत मरीजों को अल्ट्रासाउंड जांच की जरूरत पड़ती है। वे निजी केंद्रों को अधिक पैसा देकर जांच कराने को विवश होते हैं।

अल्ट्रासाउंड मशीन का प्रोब खराब है। उसे बदलने के बाद ही मशीन काम करना शुरू करेगी। नया प्रोब करीब सात लाख रुपये में आता है। इसके लिए आर्डर दे दिया गया, फिर भी संबंधित कंपनी तेजी नहीं दिखा रही है। अब कंपनी पर कार्रवाई के लिए लिखा गया है। उम्मीद है कि जल्द मरीजों को यह सुविधा मिलने लगेगी।

-डा. बीपी सिंह, सीएमएस, जिला अस्पताल

chat bot
आपका साथी