स्वाइन फ्लू को लेकर रेपिड रिस्पांस टीम गठित, सतर्कता के निर्देश
--जिला अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर कर्मी हुए अलर्ट --फॉर्मेलिन युक्त मछलियों को खाने से कैंसर की बीमारी का खतरा जागरण संवाददाता, बलिया : विभिन्न स्थानों पर स्वाइन फ्लू के रोगी पाए जाने के बाद जिले में भी स्वास्थ्य विभाग ने बचाव के लिए अलर्ट जारी किए हैं। सीएमओ डा. एसपी राय ने बताया कि स्वाइन फ्लू के मद्देनजर जनपद स्तर पर रेपिड रिस्पांस टीम गठित की गई है।
जागरण संवाददाता, बलिया : विभिन्न स्थानों पर स्वाइन फ्लू के रोगी पाए जाने के बाद जिले में स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया गया है। बचाव के लिए कड़े निर्देश जारी किए गए हैं। इस क्रम में रेपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है।
सीएमओ डा. एसपी राय ने बताया कि स्वाइन फ्लू के मद्देनजर जनपद स्तर पर रेपिड रिस्पांस टीम गठित की गई है। इसके अलावा सीएचसी व पीएचसी केंद्रों को भी बचाव के बाबत निर्देश जारी हुए हैं। कहा गया है कि स्वाइन फ्लू का लक्षण मिलने पर तत्काल रेपिड रिस्पांस टीम को सूचित करें। इस संबंध में महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ जियाउल हुदा ने बताया कि इंफ्लूऐन्जा या स्वाइन फ्लू चार वायरस के संयोजन के कारण होता है। आमतौर पर इस वायरस के वाहक सुअर होते हैं लेकिन जब से इस विषाणु ने महामारी का रूप लिया है, यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी तेजी से फैल रहा है।
-बाहर से आने वाली मछलियों में फॉर्मेलिन है घातक
आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल से आने वाली मछलियों से भी कैंसर जैसी बीमारी हो रही है। इस बात का खुलासा होते ही पड़ोसी राज्य बिहार ने रोक लगा दी है जबकि जनपद सहित पूरे प्रदेश में इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है। हर दिन भारी मात्रा में लोग चलानी मछलियां खा रहे हैं।
-सुअर व मछली दोनों पर नहीं है प्रशासन का ध्यान
जनपद में नगर से गांव तक भारी संख्या में सुअर अभी भी नालियों में लेटे, कीचड़ लपेटे सड़कों पर दिखते रहते हैं। नगर तक में नालियां खुले हाल में हैं। इस पर नगरपालिका तक गंभीर नहीं है। प्रशासन की ओर से विभिन्न रोगों से बचाव का अलर्ट जरूर जारी होता है, लेकिन उसके जड़ को खत्म करने की ओर प्रशासन के पांव कभी नहीं बढ़ते।
-दस बेड सुरक्षित लेकिन वैक्सिन नहीं
जिला अस्पताल में स्वाइन फ्लू को लेकर प्रशासनिक अमला सतर्क हो गया है। इस तरह के मरीज मिलने पर उन्हें भर्ती करने के लिए 10 बेड सुरक्षित कर लिया गया है। अस्पताल में दवा तो है लेकिन वैक्सीन नहीं है। सीएमओ डा. एसपी राय ने बताया कि शासन से जो निर्देश मिले हैं उस हिसाब से अस्पताल में व्यवस्था कर दी गई है। अभी तक इस रोग से ग्रसित एक भी केस नहीं पाए गए हैं।
स्वाइन फ्लू से बचाव
-खांसी या छींकते समय अपना चेहरा रूमाल या टिसू पेपर से ढक कर रखें।
-टिसू पेपर को कूडे़ दान में फेंके अथवा नष्ट कर दें। अपने हाथों को साबुन से साफ करें।
-हमेशा खांसते या छींकते समय दूसरों से 6 फीट की दूरी बनाए रखें।
-स्वाइन फ्लू से प्रभावित इलाके में चेहरे पर मास्क पहनें।
-अपने घर और कामकाज की जगह साफ सुथरा रखें।
-अपने हाथों को हमेशा खाना खाने से पहले साबुन और पानी से 20 सेकेंड तक धोएं
-अपने मित्र परिवार और जान पहचान के व्यक्तियों से स्वाइन फ्लू से सम्बन्धी जानकारी साझा करें।