रामलीला : खेत की जोताई करते हल घड़ा से टकराया, मां सीता की हुई उत्पति
जासं गड़वार (बलिया) कस्बा में आयोजित रामलीला के क्रम में गुरुवार की रात सीता उत्पति अहि
जासं, गड़वार (बलिया) : कस्बा में आयोजित रामलीला के क्रम में गुरुवार की रात सीता उत्पति, अहिल्या उद्धार, ताड़का, मारीच व सुबाहु वध का सजीव मंचन किया गया। लीला का शुभारंभ अजय सोनी व रामबाबू गुप्ता ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। लीला में दिखाया गया कि जनकपुर में बारिश न होने के कारण अकाल पड़ गया है। अकाल के कारण प्रजा को व्याकुल होता देख जनक व्यथित हो गए हैं, तभी आकाशवाणी होती है कि जब जनक रानी के साथ में सोने के हल से खेत की जोताई करेंगे तो राज्य में बारिश होगी। इसके बाद खेत की जोताई करते समय हल एक घड़े से टकरा जाता है घड़ा बाहर निकाला जाता है जिसमें से माता सीता की उत्पत्ति होती है। राज्य में बारिश शुरू हो जाती है। राक्षसों के आतंक से तंग होकर विश्वामित्र राजा दशरथ की शरण में श्रीराम व लक्ष्मण को लेने अयोध्या जाते हैं और राजा दशरथ से राक्षसों द्वारा धार्मिक अनुष्ठान भंग करने का हाल सुना कर राम और लक्ष्मण को यज्ञ की रक्षा के लिए अपने साथ ले जाने का आग्रह करते हैं। लीला के क्रम में राजा जनक द्वारा विश्वामित्र को स्वयंवर में आने के लिए आमंत्रित करना, जनकपुर जाते समय भगवान राम के चरण कमल पाषाण पर पड़ते ही पाषाण बनी अहिल्या का श्राप मुक्त हो बैकुंठ जाने की लीला का मंचन किया गया। जनक की भूमिका अंजनी गुप्ता, विश्वामित्र श्यामनारायण उपाध्याय, श्रीराम राकेश मौर्य, लक्ष्मण धनजी शर्मा, वशिष्ठ सतीश उपाध्याय, विश्वामित्र की श्यामनारायण उपाध्याय सहित अन्य कलाकारों ने अपनी भूमिका निभाई। अध्यक्ष अमित कुमार सिंह व्यवस्था में लगे रहे।