जारी है कोरोना से जंग, फेफना व बसंतपुर में लगेंगे आक्सीजन प्लांट
कोरोना की दूसरी लहर का बलिया में काफी असर पड़ा है। 32 लाख की आबादी में मार्च से अब तक
कोरोना की दूसरी लहर का बलिया में काफी असर पड़ा है। 32 लाख की आबादी में मार्च से अब तक 13,748 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 102 लोगों की जान जा चुकी है। यह वक्त स्वास्थ्य महकमे के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं है। ऐसे में मुख्य चिकित्साधिकारी डा. राजेंद्र प्रसाद सभी को संगठित करते हुए सुनियोजित ढंग से महामारी को काबू करने में प्रयासरत हैं। दूसरी लहर में सामने आए अप्रत्याशित आंकड़े डरावने रहे लेकिन टेस्ट, ट्रेस व ट्रीट के सिद्धांत पर कोशिश रंग लाई और काफी हद तक स्थिति में सुधार भी आया। प्रस्तुत है संवाददाता समीर तिवारी से सीएमओ की हुई बातचीत के प्रमुख अंश। सवाल : कोरोना की पहली व दूसरी लहर में क्या अंतर देखा गया है।
जवाब : दूसरी लहर में संक्रमितों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ गई, इसमें गंभीर मरीज अधिक मिल रहे हैं। 90 फीसद मरीजों को आक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही है। सवाल : इस दौरान सबसे बड़ी चुनौती क्या रही।
जवाब : मार्च के अंत व अप्रैल की शुरुआत में कोरोना संक्रमण चरम पर था। ऐसे में स्थिति नियंत्रित करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। सवाल : किस तरीके से बचाव व उपचार की योजना बनाई गई।
जवाब : जनपद में 18 सीएचसी, 13 पीएचसी, 66 न्यू पीएचसी व दो अर्बन पीएचसी हैं। उपलब्ध संसाधनों से मरीजों का उपचार करने की कोशिश की गई। सवाल : तीसरी लहर पर क्या कहना है। कैसे रोकेंगे।
जवाब : कोविड मरीजों के लिए कुल 270 बेड की व्यवस्था उपलब्ध है। जिला अस्पताल में आक्सीजन प्लांट तैयार है। फेफना स्थित एल-1 व बसंतपुर एल-2 कोविड अस्पताल में भी प्लांट स्थापित किए जाएंगे। इसकी प्रक्रिया चल रही है। सवाल : ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण रोकने के लिए क्या प्रयास किए गए हैं।
जवाब : 102 एमबीबीएस चिकित्सकों के अलावा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य, आयुर्वेद व होम्योपैथी विभाग की मदद ली गई। 290 टीमें बनाई गईं। गांवों में डोर टू डोर अभियान चलाया गया। सवाल : खुद व पूरी टीम को बचाना भी चुनौतीपूर्ण रहा होगा, इस पर क्या कहेंगे।
जवाब : बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मी भी संक्रमण की जद में आए जो ठीक होने के बाद फिर से काम में जुट गए। इसमें टीकाकरण की अहम भूमिका रही।
जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव पर हो रहा काम
कोरोना काल में कई जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी निधि से बचाव व उपचार के लिए धन देने का आग्रह किया है। चिकित्सकीय उपकरण खरीदे जा रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने एक करोड़ की धनराशि का उपयोग करने के लिए पत्र लिखा था। उसमें से बसंतपुर एल-2 अस्पताल में पैरामॉनिटर, एबीजे मशीन, कंसंट्रेटर आदि की खरीद हुई है। कुछ विधायकों की स्वीकृति के आधार पर कार्यवाही चल रही है।