आदि शक्ति की हुई स्तुति, जयकारे से गूंजे शक्तिपीठ

चैत्र नवरात्र की शुरूआत मंगलवार को हो गई। प्रथम दिन आदि शक्ति देवी

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 06:44 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 06:44 PM (IST)
आदि शक्ति की हुई स्तुति, जयकारे से गूंजे शक्तिपीठ
आदि शक्ति की हुई स्तुति, जयकारे से गूंजे शक्तिपीठ

जागरण संवाददाता, बलिया : चैत्र नवरात्र की शुरूआत मंगलवार को हो गई। प्रथम दिन आदि शक्ति देवी भवानी की भक्तों ने आराधना की। साथ ही इस वैश्विक महामारी से निजात दिलाने के लिए पूजा-पाठ की। घर-घर मां की पूजा की गई।

माता रानी के दर्शन-पूजन को देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्तों के आने का क्रम शुरू हुआ। माता के जयकारे से पूरा क्षेत्र गूंज उठा था। ब्रह्माइन स्थित मां ब्रह्माणी देवी के मंदिर में भोर में तीन बजे से ही लोगों के आने का क्रम शुरू हुआ। चार बजे माता की आरती के बाद मंदिर दर्शन-पूजन के लिए खोल दिया गया। कोरोना के चलते ज्यादातर लोग घरों में ही देवी मां की आराधना की। पुलिस व मंदिर कमेटी के सदस्यों ने लोगों का शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कराने में लगे रहे। भक्तों को किसी तरह की असुविधा न हो इसका पूरा ख्याल रख रहे थे। यही हाल मां कपिलेश्वरी भवानी, मंगला भवानी, मां शांकरी देवी आदि मंदिरों पर भी रहा। घरों में भी लोगों ने विधि-विधान के साथ कलश स्थापना कर देवी की आराधना की। इस दौरान पूरा माहौल भक्तिमय बना रहा। नव संवत की हुई शुरुआत, मंगल होंगे राजा व मंत्री

थम्हनपुरा निवासी पं. अभय प्रकाश द्विवेदी ने ज्योतिषीय विश्लेषण के आधार पर बताया कि आनंद नामक संवत्सर मंगलवार से प्रारंभ हो रहा है। इस संवत्सर के राजा व मंत्री दोनों मंगल ही है। दुर्गेश व मेघेश भी मंगल हैं। इस वर्ष अग्नि व विद्युत का बहुत भय होगा। गर्मी भी इस वर्ष अति होगी। पृथ्वी का तापमान इस वर्ष गंभीर चुनौती देगा। पित्त व छुआछूत संबंधी बीमारियां फैलेंगी। चैत शुक्ल प्रतिपदा मंगलवार को ही मेष की सूर्य संक्रांति हो जाने से निरंकुश वातावरण, आतंकी विस्फोट एवं अग्निकांड की बड़ी-बड़ी घटनाएं होंगी। शेयर बाजार में काफी उथल-पुथल रहेगा। शीर्ष राजनेताओं के जीवन पर संकट रहेगा। सेना का विस्तार होगा। यह मजबूत होगी। सर्प बिच्छू की अधिकता के साथ विस्फोटक, चोरी की घटनाएं ज्यादा होंगी। दूध का उत्पादन घटेगा। वर्षा अल्प ही होगी। मेष, मिथुन, सिंह, तुला, मकर और मीन राशि वालों के लिए यह वर्ष अत्यंत शुभ है। वृष व कन्या राशि वालों के लिए मध्यम फल कारक है। कर्क वृश्चिक धनु व कुंभ राशि वालों के लिए यह वर्ष ठीक नहीं है।

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