शौचालय निर्माण से बदल रही गांवों की तस्वीर
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जागरण संवाददाता, बांसडीहरोड (बलिया): स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत के सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री की पहल पर शुरु किया गया स्वच्छता अभियान अब अपना प्रभाव दिखाने लगा है। इस अभियान के बाद लोग साफ-सफाई के प्रति सचेत होते दिख रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए जाने वाले शौचालयों का प्रयोग भी दिनोंदिन बढ़ने लगा है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के रहवासियों की सोच में भी काफी बदलाव देखने के मिल रहा है।
इस संबंध में जागरण ने क्षेत्र के गांवों में शौचालय के इस्तेमाल व इससे लोगों के जीवन मे आये बदलाव के बारे में जानने का प्रयास किया तो मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आई। दुबहड़ ब्लाक के टघरौली गांव में जहां बहुतायत लाभार्थी न सिर्फ इसका उपयोग कर रहे है बल्कि इसके लाभ को भी अब शेयर करने से परहेज नहीं करते। ऋषिकेश राय से इस संबंध में पूछा गया तो पीएम मोदी की तारीफों के पुल बांधना शुरु कर दिए। बताया कि पहले तो हम खेत में ही शौच को जाया करते थे लेकिन शौचालय बनने के बाद इसका नियमित इस्तेमाल करते हैं।
गांव के लल्लन राम ने बताया कि शौचालय बनने के बाद पूरा परिवार इसका इस्तेमाल करता है। सविता देवी ने बताया कि शौचालय बनने के बाद से काफी राहत है। कौन सी योजना है नहीं मालूम लेकिन प्रधान ने बनवाया है। नन्हकू कहना था कि अभी हाल ही में बना है लिहाजा बहुत ज्यादे नहीं बता सकते पर शौच के लिए अब बाहर नहीं जाना पड़ता है। छोटक राय ने बताया कि जबसे शौचालय बना है खेत में जाने का मन ही नहीं करता। प्रधानमंत्री को बधाई की उनके द्वारा इतने गरीबों को मुफ्त शौचालय दिया गया।
इनसेट
ब्लाक में बनाए गए 16.88 हजार शौचालय
जिले को ओडीएफ घोषित करने के लिए 3 लाख 26 हजार 952 शौचालय निर्माण का लक्ष्य रखा गया था। इसमें से 2 लाख 88 हजार 612 शौचालयों का जिओ टैग किया जा चुका है। शेष 38 हजार 340 शौचालय निर्माण की प्रक्रिया में है। वहीं दुबहड़ ब्लॉक में बेस लाइन सर्वे के मुताबिक 22997 शौचालयों के निर्माण कराना था। इसमें 6376 लोगों द्वारा स्वयं के संसाधन से निर्माण कराया जा चुका था। वर्ष 2014 से लेकर अब तक बाकी बचे सभी पात्र लाभार्थियों को शौचालय निर्माण की धनराशि उनके खाते में भेजी जा चुकी है। इसके बाद वंचित पात्र लाभार्थियों की सूची तैयार की गई है। इसमें 2493 लाभार्थियों शामिल हैं। इन लाभार्थियों में से 262 शौचालयों का निर्माण कराया जा चुका है। शेष के लिए धनराशि आवंटन कार्य किया जा रहा है।
वर्जन
फरवरी के अंत तक शौचालय निर्माण के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाएगा। गांवों में स्वच्छता हितग्राहियों को भी शौचालय प्रयोग से परहेज करने वाले ग्रामीणों को प्रेरित करने का निर्देश दिया गया है। जल्द ही स्थिति और बेहतर होगी।
- पशुपतिनाथ ¨सह
एडीओ पंचायत दुबहड़