धनुष टूटने की आवाज पर क्रोधित मुद्रा में जनक दरबार पहुंचे परशुराम
जागरण संवाददाता गड़वार(बलिया) कस्बा में चल रही रामलीला में कलाकारों द्वारा शनिवार की र
जागरण संवाददाता, गड़वार(बलिया) : कस्बा में चल रही रामलीला में कलाकारों द्वारा शनिवार की रात लक्ष्मण-परशुराम संवाद व राम विवाह का जीवंत मंचन किया गया। लीला का शुभारंभ आनंद प्रकाश सिंह ने दीप जलाकर किया। तदुपरांत ग्राम प्रधान प्रतिनिधि दीपक कन्नौजिया ने सभी कलाकारों को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया। रामलीला के स्वयंवर-प्रसंग में जब शिव- धनुष टूटने की आवाज हुई तो आश्रम में ध्यानमग्न परशुराम का ध्यान भंग हो गया। वे उठकर सीधे मिथिला पहुंच जाते हैं। धनुष को टूटा हुआ देख पूछते हैं..किसमें इतनी हिम्मत आ गई कि उसने मेरे आराध्य का धनुष तोड़कर मेरी पूजा भंग कर दी? इस पर लक्ष्मण परशुराम के तेवर देख क्रोधित हो उठते हैं। परशुराम और लक्ष्मण में तीखा संवाद होने लगता है। स्थिति को बिगड़ते देख श्रीराम विनतीभरे स्वर में कहते हैं- हे नाथ, आपके धनुष को तोड़ने वाला कोई आपका दास ही होगा। इस पर परशुराम को श्रीहरि के अवतार के बारे में जानकारी होती है और उनका क्रोध शांत हो जाता है। यहां से कहानी आगे बढ़ती है और इसी बीच लीला आगे बढ़ती है और राजा जनक द्वारा अयोध्या महाराज दशरथ के यहां बारात लाने हेतु निमंत्रण भेजा जाता है। समिति द्वारा भगवान श्रीराम की बारात त्रिकालपुर तिराहे से रामलीला पंडाल तक गाजे बाजे के साथ भव्य तरीके से निकाली गई। पूरे रास्ते भर बारातियों पर लोग पुष्पवर्षा करते रहे। ऐसा लग रहा था जैसे भगवान श्रीराम की वास्तविक बारात निकली हो। बारात के पहुंचने पर जनक ने सभी बारातियों की आवभगत की। श्रीराम व माता जानकी ने एक-दूसरे को जयमाला पहनाई। इसी के साथ-साथ भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न का भी विवाह संपन्न हुआ।