ओपीडी में नहीं थे डॉक्टर, आवास पर कराहते दिखे मरीज-तीमारदार
जागरण संवाददाता बलिया सरकार स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी धन खर्च कर रही है। जिला मुख्
जागरण संवाददाता, बलिया : सरकार स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी धन खर्च कर रही है। जिला मुख्यालय से गांव तक की व्यवस्था में तेजी से तब्दीली की जा रही है, लेकिन जिम्मेदारों की कार्यशैली नहीं बदलने से आमलोगों को बहुत सी सुविधाओं का लाभ समय पर नहीं मिला पा रहा है। जिला अस्पताल में सोमवार की सुबह करीब नौ से 11 बजे तक पड़ताल हुई तो 24 ओपीडी में मात्र चार में चिकित्सक बैठे मिले। शेष ओपीडी में चिकित्सक नहीं बैठे थे। चिकित्सकों के आवास पर मरीजों व तीमारदारों की भीड़ दिखी। पर्ची काउंटर पर सुबह 9.30 बजे तक 250 से अधिक मरीज अलग-अलग चिकित्सकों से दिखाने के लिए पर्ची लेकर ओपीडी के बाहर इंतजार कर रहे थे।
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ओपीडी के बाहर का हाल
ओपीडी 18 के बाहर गड़वार ब्लाक निवासी ललिता देवी हाथ में दर्द था। वह जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ को दिखाने पहुंची थी। चिकित्सक नहीं थे। यही दशा और ओपीडी की भी थी। ओपीडी में देर से पहुंचने के कारण की जानकारी लेने पर मरीजों ने बताया कि चिकित्सक अभी आवास पर निजी तौर पर शुल्क लेकर मरीजों को देख रहे हैं। यह रोज की स्थिति है। ओपीडी के बाहर मिले गुदरी बाजार निवासी मरीज फारूख अहमद, दुबहड़ के लल्लू तिवारी, रतसड़ की पिकी देवी आदि ने बताया कि जिला अस्पताल में पहले आकर लाइन में लगने के बाद भी काफी देर तक इंतजार करना पड़ रहा है। चिकित्सक के लोग ओपीडी के बाहर मरीजों को उनके आवास पर भेजने के लिए प्रेरित करते हैं। शिकायत के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। ऐसे और भी कई मरीज मिले जो चिकित्सकों ने नहीं मिलने पर नाराज थे।
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सीन एक-
8.30 बजे के बाद सीएमएस कक्ष में कर्मचारी व चिकित्सक हस्ताक्षर बनाते दिखे।
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सीन दो-
9.38 बजे ओपीडी के समय डा. एके स्वर्णकार के आवास पर मरीजों की लगी भीड़।
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सीन तीन-
9.50 बजे ओपीडी तीन में चार की जगह उपस्थित मात्र एक आयुष चिकित्सक डा. एके उपाध्याय।
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सीन चार
10.05 बजे प्रभारी सीएमएस की खाली पड़ी कुर्सी।
----वर्जन----
ओपीडी में सुबह आठ बजे से दो बजे तक ओपीडी में मरीज देखे जाते हैं। चिकित्सकों को वार्ड में राउंड पर भी जाना होता है। राउंड के बाद भी यदि चिकित्सक ओपीडी में समय से नहीं बैठ रहे तो उनपर सख्त कार्रवाई होगी।
--- डा. बीके सिंह, सीएमएस