सुखपुरा में फ्लाप है वन नेशन- वन राशन कार्ड की योजना

सुखपुरा (बलिया) प्रधानमंत्री ने मंगलवार को राष्ट्र के संबोधन में Þवन नेशन वन राशन कार्ड की बात रखी इसकी तैयारियां महीनों से हो रही हैं। इसे पहली जून से लागू करना भी था लेकिन वैश्विक महामारी के कारण इसे पूरे देश में लागू नहीं किया जा सका। 12 राज्यों में इसे लागू भी कर दिया गया है।उत्तर प्रदेश के भी कई जिलों में इसे शुरू करने की बात की जा रही थी। इस योजना की सफलता तभी संभव है जब सबके पास राशन कार्ड हो। लेकिन आज हालत यह है की सुखपुरा सहित कई गांवों में आज भी राशन कार्डों का वितरण नहीं हो पाया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Jul 2020 05:47 PM (IST) Updated:Wed, 01 Jul 2020 05:47 PM (IST)
सुखपुरा में फ्लाप है वन नेशन- वन राशन कार्ड की योजना
सुखपुरा में फ्लाप है वन नेशन- वन राशन कार्ड की योजना

सुखपुरा (बलिया) : प्रधानमंत्री ने मंगलवार को राष्ट्र के संबोधन में Xह्नह्वश्रह्ल;वन नेशन वन राशन कार्ड' की बात रखी। इसकी तैयारियां महीनों से हो रही हैं। इसे पहली जून से लागू करना था लेकिन वैश्विक महामारी के कारण इसे पूरे देश में लागू नहीं किया जा सका। देश के 12 राज्यों में इसे लागू भी कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के भी कई जिलों में इसे शुरू करने की बात की जा रही थी। इस योजना की सफलता तभी संभव है जब सबके पास राशन कार्ड हो लेकिन आज हालत यह है कि सुखपुरा सहित कई गांवों में राशन कार्डों का वितरण नहीं हो पाया है।

विकास खंड बेरूआरबारी के सबसे बड़े गांव सुखपुरा में राशन कार्ड वितरण का कहीं दूर दूर तक पता नहीं और कब तक राशन कार्ड यहां वितरित होगा इसकी भी जानकारी जिम्मेदारों के पास नहीं है।लगभग 15000 की आबादी वाला यह गांव पूरे ब्लॉक का सबसे बड़ा गांव है यहां गरीब से गरीब लोगों का निवास है जिन्हें राशन कार्डों की सख्त जरूरत है।पूर्व में किन्हीं कारणों से उनके राशन कार्ड नहीं बन पाए थे। बीच के वर्षों में उनके द्वारा कई बार राशन कार्ड बनाने हेतु आवेदन किया जा चुका है।उन्हें उमीद थी कि इतने प्रयास के बाद निश्चित रूप से राशन कार्ड बन जाएगा और मिल भी जाएगा।लेकिन आज तक उन्हें नया राशन कार्ड नहीं मिला।ऐसे लोग राशन कार्ड के अभाव में खाद्यान्न से वंचित है।

लगभग दो वर्ष पहले वितरित निहायत अस्थायी राशन कार्ड के कागज अब पूरी तरह गलने और फटने लगे हैं।ऐसे में उनका रखरखाव भी लोगों के लिए कठिन हो गया है।जिन पर खाद्यान्न उठाना काफी कठिन काम है।कुछ यही स्थिति ग्राम पंचायत कोड़रा के लोगों की है। अभी तक राशन कार्ड का वितरण संभव नहीं हो पाया है। तीन-चार छोटे-छोटे गांवों को मिलाकर ग्राम पंचायत कोड़रा का गठन हुआ। ग्रामीणों का आरोप है कि शासन की ओर से प्रदत्त राशन कार्ड प्रधान अपने घर पर रखे हैं और वह बांट नहीं रहे हैं। कार्ड धारकों का आरोप है कि ग्राम पंचायतों के चुनाव के समय उसकी राशन कार्ड बांटने की मंशा है ताकि चुनाव में इसका लाभ मिल सके। क्षेत्र के प्रमुख लोगों ने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से यथा शीघ्र गांवों में नया राशन कार्ड वितरित कराने की मांग की है।

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