जांच के नाम पर शिकायतकर्ताओं को टाल रहे अधिकारी

सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान (ग्रामीण) के तहत गांव-गांव में शौचालय बनाने का काम तेजी से चल रहा है। केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना में शामिल यह अभियान भी भ्रष्टाचार के काकस से मुक्त नहीं हो पा रहा है। कहीं प्रधान और ग्राम पंचायत सचिव की मिलीभगत से यह योजना दम तोड़ रही है तो कहीं अपात्रों को ही संतृप्त करने की होड़ लगी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Jul 2019 07:00 PM (IST) Updated:Mon, 22 Jul 2019 07:00 PM (IST)
जांच के नाम पर शिकायतकर्ताओं को टाल रहे अधिकारी
जांच के नाम पर शिकायतकर्ताओं को टाल रहे अधिकारी

जागरण संवाददाता, बलिया : संपूर्ण स्वच्छता अभियान (ग्रामीण) के तहत गांव-गांव में शौचालय बनाने का काम तेजी से चल रहा है। केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना में शामिल यह अभियान भी भ्रष्टाचार के काकस से मुक्त नहीं हो पा रहा है। कहीं प्रधान और ग्राम पंचायत सचिव की मिलीभगत से यह योजना दम तोड़ रही है तो कहीं अपात्रों को ही संतृप्त करने की होड़ लगी है। कमोबेश जिले के सभी विकास खंडों के यही हालात हैं। पात्र लाभार्थी शौचालय बनवाने के लिए ब्लाक से लगायत प्रधान व सचिव की गणेश परिक्रमा कर रहे हैं, वहीं रसूखदार शौचालयों का पैसा हड़पने में जुटे हैं। आए दिन इसकी शिकायत भी हो रही है लेकिन जिलास्तरीय अधिकारियों की चुप्पी से यह गोलमाल रुकने के बजाय दिन दूना रात चौगुना बढ़ रहा है। हालात इतने बदतर हैं कि कहीं प्रोत्साहन राशि मिलने के बाद भी सालों-साल शौचालय निर्मित नहीं किया जा रहा तो कहीं प्रथम किस्त का भुगतान होने के बाद दूसरी किस्त के लिए महीनों दरबार लगाना पड़ रहा है बावजूद कुछ हासिल नहीं हो पा रहा है। कहीं-कहीं तो ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा शौचालय की किस्त के रुप में दिया गया चेक ही बाउंस हो जा रहा है। बावजूद जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। नजीर के तौर पर चिलकहर ब्लाक के ग्राम सभा तद्दीपुर को देखा जा सकता है। यहां शौचालय निर्माण में भारी अनियमितता सामने आ चुकी है। पिछले छह माह से जांच के नाम पर खेल खेला जा रहा है। कभी कमेटी बनाकर जांच कराने की बात कही जा रही है तो कभी अपात्रों को नोटिस जारी करने का आश्वासन दिया जा रहा है लेकिन धरातल पर कुछ होता नहीं दिख रहा। इससे लोगों में आक्रोश पनप रहा है। सोमवार को एक बार फिर ग्रामीणों ने डीपीआरओ एसडी पांडेय को पुन: स्मरण पत्र सौंप कर जांच कराने की मांग की। इस बाबत डीपीआरओ ने बताया कि एक पखवारे के अंदर जांच पूरी कर अपात्रों से रिकवरी करने का काम किया जाएगा।

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