ड्रेजिग कार्य से नहीं मिली राहत, एनएच पर बढ़ा दबाव
जागरण संवाददाता बैरिया (बलिया) रामगढ़ में गंगा की धारा को मोड़ने के लिए करीब 130 कर
जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : रामगढ़ में गंगा की धारा को मोड़ने के लिए करीब 130 करोड़ से हो रहे ड्रेजिग कार्य से कोई राहत नहीं है, दूबेछपरा व रामगढ़ इलाके सहित एनएच-31 पर नदी का दबाव बढ़ गया है। लोगों का कहना है कि ड्रेजिग कार्य एक्सपर्ट लोगों के कहने से ही शुरू हुआ होगा, लेकिन उसका सार्थक रिजल्ट नहीं दिख रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने फरवरी माह में ही सभी प्रभावित इलाकों को सुरक्षित करने के लिए धन आवंटित कर दिया था, लेकिन सिचाई विभाग की ओर से समय से कार्य पूरा नहीं किया गया। रामगढ़ में कहने को तो तीन स्पर बनाए गए हैं लेकिन मौके पर जो खेल हुआ, उससे स्थानीय लोग पूरी तरह अवगत हैं।
रामगढ़ के लोगों ने बताया कि स्पर के बगल से मिट्टी काटकर गड्ढा कर दिया गया। राष्ट्रीय राजमार्ग तक गड्ढ़ा बन गया है। गंगा के जलस्तर में बढ़ाव का क्रम इसी तरह से बना रहा तो बाढ़ का पानी एनएच के ऊपर से भी बहने लगेगा और बलिया-बैरिया का परिचालन बंद हो जाएगा। विभाग की लापरवाही से ही वर्ष 2019 में 29 करोड़ खर्च होने के बाद दूबेछपरा का रिग बंधा दोबारा टूट गया और लगभग 40 हजार की आबादी अचानक डूबने लगी थी। उस स्थिति को स्वयं मुख्यमंत्री ने 17 सितंबर को देखा और समय पर सभी सुरक्षात्मक उपाय करने को निर्देश दिए लेकिन विभाग की लापरवाही से हर जगह कार्य अधूरा रह गया।
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दुबे छपरा हनुमान मंदिर पर बाढ़ राहत शिविर स्थापित : बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए प्रशासन ने दुबे छपरा हनुमान मंदिर पर बाढ़ राहत शिविर स्थापित कर दी है। राजस्व कर्मी, ब्लॉक कर्मी तथा स्वास्थ्य चिकित्सा, पशु चिकित्सा के लिए कर्मचारी तैनात किए गए हैं। बाढ़ राहत शिविर पर जाकर तहसीलदार बैरिया व एसएचओ बैरिया चक्रमण कर रहे हैं। एसएचओ राजीव मिश्र ने बताया कि किसी भी तरह की परेशानी की दशा में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जगह-जगह पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए हैं। तहसीलदार शिव सागर दुबे ने बताया कि अगर विकट परिस्थितियां बनती है तो बाढ़ पीड़ितों के रहने, भोजन, प्रकाश और पर्याप्त संख्या में बड़ी, छोटी नावों की व्यवस्था भी की जा रही है। तिरपाल और खाद्य सामग्री पहुंच रहा है। पीड़ितों को किसी तरह की असुविधा नहीं होने दी जाएगी।