बाढ़ से घिरी आबादी को न दिन में चैन न रात को सुकून

जागरण संवाददाता, बलिया : बाढ़ से घिरी आबादी की ¨जदगी हर पल खतरे से जूझती हुई प्रतीत हो

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 Sep 2018 09:46 PM (IST) Updated:Wed, 05 Sep 2018 09:46 PM (IST)
बाढ़ से घिरी आबादी को न दिन में चैन न रात को सुकून
बाढ़ से घिरी आबादी को न दिन में चैन न रात को सुकून

जागरण संवाददाता, बलिया : बाढ़ से घिरी आबादी की ¨जदगी हर पल खतरे से जूझती हुई प्रतीत हो रही है। वे न तो दिन में ही चैन से रह पा रहे हैं और रात में ही सुकून से सो पा रहे हैं। दिन में पानी में तैरते हुए पशुओं का चारा लाना, शाम के भोजन का इंतजाम करना, रात में घर के सदस्यों की निगरानी करना और पूरे परिवार को इस आपदा में सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी ने उन्हें इस कदर परेशान कर रखा है कि वे दिन-रात भगवान का नाम जपते हुए ही अपना गुजारा कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से जो भी जरूरी इंतजाम किए जा सकते हैं वे इंतजाम भी अभी पीड़ितों के चौखट तक सरकारी तौर पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। बाढ़ क्षेत्र की बिजली पानी घुसते ही खतरे को देखते हुए काट दी गई है। पीड़ितों को अंधेरे में ही जीना पड़ रहा है। रह-रह कर घरों के ऊपर दिखते सांप व अन्य विषैले जीवों को देख बच्चे भी डर जा रहे हैं। प्रशासन की ओर से प्रकाश का कोई ऐसी व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे लोग उजाले में रह सकें। दवा का इंतजाम भी नदारद है। जिले के रेवती व बैरिया क्षेत्र के नौरंगा, चांददियर, जयप्रकाशनगर के भगवान टोला, अठगांवा आदि क्षेत्र की लगभग 50 हजार की आबादी बाढ़ के पानी से घिरी है। वहीं किसानों के लगभग दो हजार एकड़ खरीफ के फसल भी पानी के कारण स्वाहा हो गए हैं। इसके बावजूद भी सरकारी तौर पर अभी क्षति का कोई अनुमान नहीं किया जा सका है। बाढ़ चौकियों पर राजस्व कर्मचारी कभी-कभी ही तब नजर आ रहे हैं जब कोई बड़ा अधिकारी उस क्षेत्र में दौरा करने पहुंच रहे हैं। राजस्व कर्मी केवल पानी के घटाव और बढ़ाव की रिपोर्ट दे रहे हैं। क्षति के आकलन की कोई रिपोर्ट उनके पास भी नहीं है।

--संपर्क मार्ग से कट गई बस्ती, सुविधा नदारद

मनियर : घाघरा की लहरों ने मनियर क्षेत्र के दियारे में अपना पांव पूरी तरह पसार दिया है। धीरे-धीरे नदी का पानी नाले के रास्ते कस्बे में भी प्रवेश करने लगा है। दियारा क्षेत्र में रहने वाले लोग टापू बने स्थानों पर शरण लिए हुए है। कस्बे से दियरा टुकड़ा नंबर दो व बिहार क्षेत्र के मनियर से सटे मनियर दियरा टुकड़ा नंबर एक के सम्पर्क मार्गों पर पानी के बढ़ाव के कारण संपर्क कट गया है। मनियर दियरा टुकड़ा नंबर दो निवासी रामदयाल यादव, मोहन राजभर, देवनाथ राजभर, रामचंद्र राजभर, राम चौहान, संतलाल चौहान, श्रीराम तुरहा, धनजी तुरहा, बच्चा लाल ,रामाशंकर ¨सह, अशोक कुमार ¨सह, राम प्रित चौधरी सहित आदि लोगों ने बताया कि मनियर परशुराम स्थान से आने वाले संपर्क मार्ग, मनियर उत्तर टोला से आने वाला संपर्क मार्ग, बहादुर चट्टी से आने वाला पिच रोड पानी से डूब गया है। इसके बावजूद भी कोई सुविधा हमारे पास नहीं पहुंची है।

--गंगा में उफान से मची तबाही, भयावह हो रहे हालात

बैरिया : तहसील के गंगा उस पार नौरंगा, चक्की नौरंगा, भुवाल छपरा सहित आधा दर्जन गांव गंगा के बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं। इन गांवों का संपर्क मुख्य भूभाग अब केवल नाव के सहारे से ही है। खरीफ की फसल लगभग बाढ़ में डूब चुकी है। पशुओं के समक्ष चारा का संकट उत्पन्न हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अथवा जन प्रतिनिधि अभी तक उनका कुशलक्षेम जानने या बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने नहीं पहुंचा है। गंगा के उफान के चलते बीएसटी बंधे के बाहर बसे जगदीशपुर, भुसौला, शिवपुर, बलवंत छपरा, गड़ेरिया, सेमरिया आदि गांवों के सामने एक बार फिर कटान होने लगा है। वहीं दूसरी ओर सिताब दियारा के भवन टोला से लेकर सुघर छपरा तक गंगा के बाढ़ के चलते हजारों एकड़ खेतों में खड़ी खरीफ की फसल लगभग नष्ट हो चुकी है। स्थानीय लोगों ने राहत व बताव के लिए जिलाधिकारी से गुहार लगाई है। -इनसेट--खुद से ही करनी पड़ी नाव की व्यवस्था

जयप्रकाशनगर के भगवान टोला और भवन टोला में गंगा के तट पर बाढ़ के पानी लगभग दो सौ घरों की बस्ती घिरी है। वहां भी सरकारी तौर पर कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है। अंतत: वहां की प्रधान रूबी ¨सह ने खुद से मंगलवार शाम से तीन छोटी नाव की व्यवस्था की है। जिससे लोग बाजार जाकर जरूरी सामानों की खरीदारी या उपचार आदि के लिए जा पा रहे हैं। जबकि सरकारी कर्मचारी अभी तक इस इलाके में झांकने तक नहीं गए।

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