एनएच-31 की मरम्मत मेंलापरवाही, धूल के गुबार से घुट रहा दम
जागरण संवाददाता बलिया एनएच-31 के निर्माण को लेकर अब लोगों का धैर्य जवाब दे गया है। बार-ब
जागरण संवाददाता, बलिया : एनएच-31 के निर्माण को लेकर अब लोगों का धैर्य जवाब दे गया है। बार-बार आश्वासन के बाद भी कार्य में कोई तेजी आती नहीं दिख रही है। इस सड़क की सबसे खराब स्थिति बेलहरी से मांझी तक के बीच है। लगभग 30 किलोमीटर में यह सड़क अधिकांश जगहों पर खराब हो चुकी है।
एनएचएआइ की ओर से दिसंबर तक गाजीपुर से बलिया के मांझी घट तक 130 किमी में सड़क का कार्य पूर्ण करने को कहा गया है, लेकिन कार्यदायी कंपनी की गति अभी भी धीमी ही है। बलिया के लोग विगत चार साल से इस सड़क को लेकर परेशान हैं। कई बार सड़क तक को जाम किया। कार्यदायी कंपनी की लापरवाही से लाखों लोग रोज फजीहत झेल रहे हैं। सड़क उखाड़ कर छोड़ दिए जाने से इतनी धूल उड़ रही है कि उससे लोगों का दम घुट रहा है। दुर्घटनाएं भी हर दिन हो रही हैं। इलाके के लोग बताते हैं कि आज तक यह सड़क इतनी बदहाल कभी नहीं रही।
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17 माह में 30 किमी भी नहीं बनी सड़क : एनएचएआइ की ओर से कार्यदायी कंपनी कृष्णा इंफ्रास्ट्रक्चर को गाजीपुर से बलिया के मांझी घाट तक 130 किमी में मरम्मत कार्य करने के लिए टेंडर 15 जून 2020 को ही दिया गया था। कार्य पूरा करने की अवधि एक साल तय थी, लेकिन कार्यदायी कंपनी ने ऐसा नहीं किया। इसे लेकर इलाकाई लोग फिर मुखर हो गए। इसके बाद एनएचएआइ के अधिकारियों ने कार्यदायी कंपनी को दिसंबर 2021 तक कार्य पूरा करने की सख्त चेतावनी दी है। तय अवधि तक कार्य पूरा नहीं होने पर कंपनी पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई है। इसके बावजूद कार्य की प्रगति-रिपोर्ट अच्छी नहीं है। 17 माह में भी यह कंपनी बैरिया तरफ की सौ फीसद खराब 30 किमी सड़क को भी ठीक नहीं कर सकी।
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प्रतिदिन गुजरते हैं चार हजार ट्रक :
बलिया से मांझी घाट वाले इस रूट पर अन्य वाहनों के अलावा 4000 ट्रक हर दिन गुजरते हैं। इसके अलावा छोटे, बड़े सैकड़ों वाहनों की लाइन भी देर रात तक लगी रहती है। बैरिया क्षेत्र के निवासी मनोज सिंह ने बताया कि सड़क की खराब दशा को लेकर अब लोगों का धैर्य समाप्त हो चुका है। अभी भी यदि तेजी से कार्य नहीं हुआ तो इस क्षेत्र की जनता बड़े आंदोलन की तैयारी कर रही है।
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एनएच-31 का मरम्म्त कार्य मांझी घाट दिसंबर तक पूरा करने को कहा गया है। नोटिस दी गई है। अब किसी भी तरह की लापरवाही मिलने पर कंपनी को टरमिनेट कर दिया जाएगा।
योगेंद्र प्रताप सिंह,
तकनीकी प्रबंधक, एनएचएआइ