गांवों में निगरानी समितियां नहीं कर रहीं काम

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए गांवों में गठित निगरानी समिि

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 04:40 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 04:40 PM (IST)
गांवों में निगरानी समितियां नहीं कर रहीं काम
गांवों में निगरानी समितियां नहीं कर रहीं काम

जागरण संवाददाता, पूर बलिया : कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए गांवों में गठित निगरानी समितियां कागजों पर सिमट कर रह गयी हैं। ब्लॉक क्षेत्र के अधिकतर गांवों में घर-घर सर्दी, जुकाम, बुखार से पीड़ित मरीज हैं, पर उनकी कोई सुधि लेने वाला नहीं है। पंचायत चुनाव के बाद से ही निगरानी समितियां फिर से सक्रिय हो उठी हैं लेकिन बहुतेरे नवनिर्वाचित प्रधानों को इसके बारे में पता तक नहीं है। पिछले साल प्रवासी श्रमिकों के लौटने पर गांवों में निगरानी समितियों का गठन कराया गया था। प्रधान की अध्यक्षता में गठित समिति में पंचायत सचिव, एएनएम, आशा बहू, लेखपाल, अध्यापक को शामिल किया गया था। ताकि बाहर से आने वाले लोंगों की सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी जा सके,लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुए पंचायत चुनाव में अधिकांश गांवों में नए प्रधान बन गए फिर भी वह तनिक भी रुचि नहीं ले रहे हैं। पंदह ब्लाक के 45 ग्राम पंचायतों में से दो तिहाई गांवों की निगरानी समितियां महज कोरम पूरा कर रही हैं। न तो कोई जांच हो रही है और न ही दवा वितरित की जा रही है।

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