जर्रे को चट्टान बना दे या अल्लाह वहशी को इंसान बना..

जागरण संवाददाता बलिया जर्रे को चट्टान बना दे या अल्लाह वहशी है इंसान इसे इंसान बना दे। वो ह

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 05:00 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 05:00 PM (IST)
जर्रे को चट्टान बना दे या अल्लाह वहशी को इंसान बना..
जर्रे को चट्टान बना दे या अल्लाह वहशी को इंसान बना..

जागरण संवाददाता, बलिया : जर्रे को चट्टान बना दे या अल्लाह वहशी है इंसान इसे इंसान बना दे। वो है दोनों का रखवाला या गरीब नवाज मेरे ख्वाजा जी, मेरे अंगना में मोइनुद्दीन आयो रे। ददरी मेला के ऐतिहासिक भारतेंदु हरिश्चंद्र कला मंच पर मंगलवार की रात कव्वाली में ऐसी कई नगमे पेश की गईं तो उपस्थित श्रोता प्रसन्न हो गए। मशहूर कव्वाल सलाउद्दीन चिश्ती ने परम पिता तो एक है, ईश्वर-अल्लाह एक है हमारा तुम्हारा.आदि शायरी व नगमों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कव्वाल रौनक जहां ने तू ही अमनो अमान वाला है तू ही दोनों जहान वाला है, तेरे दर पर झुका रही हूं सिर ए खुदा तू ही शान वाला है की प्रस्तुति से लोगों को तालियां बजाने पर विवश कर दिया। कव्वालों ने एक से बढ़कर एक कलाम और नगमे सुनाकर ठंड में गर्माहट ला दी। इस दौरान सैकड़ों श्रोता डटे रहे।

इसके पूर्व मुख्य अतिथि नगर पालिका परिषद के ईओ दिनेश कुमार विश्वकर्मा व हनुमानगंज के ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि श्यामजी ने कव्वालों को स्मृति चिह्न व अंगवस्त्रम से सम्मानित किया। सलाउद्दीन चिश्ती ने अपनी कव्वाली में हिन्दू-मुस्लिम एकता और देश के प्रति हर मजहब के इंसान का क्या कर्तव्य है इसको बखूबी दर्शाया। रौनक जहां ने प्रेमी- प्रेमिका के प्रेम और वियोग को भली भांति प्रदर्शित किया। इस मौके पर विनोद सिंह, राघव मिश्र, रवींद्र सिंह, अभिवन कुमार आदि मौजूद थे।

------

मुशायरा आज

भारतेंदु कला मंच पर मुशायरा कार्यक्रम दो दिसंबर को होगा। इसकी तैयारी में नगर पालिका परिषद जुट गई है। इसमें डा. कलाम कैसर, इकबाल अशहर, अज्म शकिरी, शबीना अदीब, सुनील कुमार तंग, नूसरत अतीक, रूखसार बलरामपुरी, उस्मान मीनाई, शरफ नानपारवी, अचानक मऊवी व निजाम बनारसी भाग लेंगे।

chat bot
आपका साथी