समितियों को करें सक्रिय, कोरोना से जंग में मिलेगी शक्ति

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच लंबे समय से निष्क्रिय पड़ी ग

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 06:38 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 06:38 PM (IST)
समितियों को करें सक्रिय, कोरोना से जंग में मिलेगी शक्ति
समितियों को करें सक्रिय, कोरोना से जंग में मिलेगी शक्ति

जागरण संवाददाता, नगरा (बलिया) : कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच लंबे समय से निष्क्रिय पड़ी ग्रामीण स्वास्थ्य व स्वच्छता समितियों को सक्रिय किए जाने की मांग उठने लगी है। ब्लाक क्षेत्र में 94 ग्राम पंचायतों में इन समितियों का गठन किया गया है। इनके नाम से बैंकों में खाते खुले हैं जिनका संचालन ग्राम प्रधान व आशा कार्यकर्ताओं के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जाता है। इस खाते में स्वच्छता व स्वास्थ्य पर खर्च करने के लिए शासन की ओर से प्रति वर्ष 10 हजार रुपये की धनराशि भेजी जाती है।

इधर ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्त हो गया है। ऐसी परिस्थिति में खाते का संचालन भी ठप पड़ गया है। गांवों में 10 से 20 हजार रुपये तक की धनराशि खातों में डंप पड़ी हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी कोरोना काल में इन समितियों को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। स्वास्थ्य व स्वच्छता समितियों के खाते में जो धनराशि पड़ी है, उससे गांवों में दवा का छिड़काव व स्वच्छता का कार्य हो सकता है। उच्चाधिकारियों को चाहिए कि प्रधानों के स्थान पर जो प्रशासक नियुक्त हुए हैं उनके हस्ताक्षर से खाते का संचालन करा कर उसमें पड़ी धनराशि को कोरोना से लड़ने में खर्च किया जाए। निर्भय प्रकाश का कहना है कि कोरोना जैसी महामारी से निबटने में ग्रामीण स्वास्थ्य व स्वच्छता समितियों की अहम भूमिका हो सकती है।

देवेद्र सिंह का कहना है कि प्रशासन को चाहिए कि समितियों के खाते का एकल संचालन करा कर डंप पड़ी धनराशि से गांवों में दवाओं का छिड़काव कराए।

अनिल कुमार गुप्ता का कहना है कि अब तक इस धनराशि की बंदरबांट होती चली आई है। महामारी में समितियों के खाते में पड़ी धनराशि का सदुपयोग होना चाहिए।

जयप्रकाश जायसवाल का कहना है कि कोरोना से लड़ाई में गांव स्तर पर बनीं स्वास्थ्य व स्वच्छता समितियों की बहुत बड़ी भूमिका हो सकती है।

गांव स्तर पर गठित स्वास्थ्य व स्वच्छता समितियों को सक्रिय किया जाएगा। प्रधानों का कार्यकाल समाप्त हो जाने से खातों का संचालन नही हो पा रहा है। इसके लिए उच्चाधिकारियों के यहां पत्र व्यवहार किया जाएगा।

- डा . टीएन यादव, प्रभारी चिकित्साधिकारी, नगरा

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