किस्मत ने मारा, सहारा बनी सरकार ने कठिनाइयों से उबारा

समीर तिवारी बलिया मनियर विकास खंड के बालूपुर गांव निवासी संदीप गिरी की जिदगी 19 जून 2018

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 11:11 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 11:11 PM (IST)
किस्मत ने मारा, सहारा बनी सरकार ने कठिनाइयों से उबारा
किस्मत ने मारा, सहारा बनी सरकार ने कठिनाइयों से उबारा

समीर तिवारी,

बलिया : मनियर विकास खंड के बालूपुर गांव निवासी संदीप गिरी की जिदगी 19 जून 2018 की घटना के बाद पूरी तरह बदल गई। आपसी विवाद में कुछ लोगों ने पिता की हत्या कर दी। संदीप पर भी बुरी तरह हमला किया। इसके बाद से संदीप अपने पैरों पर चल नहीं सके हैं। शारीरिक-आर्थिक कठिनाईयों के बीच बिस्तर पर पड़े रहना युवा को बहुत भारी लगने लगा। इस बीच किसी साथी ने कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण योजना के बारे में पता चला। उसकी मदद से विकास भवन में जुलाई में दिव्यांगजन सशक्तीकरण कार्यालय में आवेदन किया। सितंबर में ट्राई साइकिल मिली। संदीप अकेले नहीं हैं, बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्हें किस्मत ने मारा तो सरकार सहारा बनी। उन्हें कठिनाइयों से उबारने में मदद की। योजना के तहत पांच साल में 3338 दिव्यांगजनों को लाभ मिल चुका है। इस पर 1.55 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। विभाग दो दिसंबर से चिह्नांकन शुरू करेगा। सहूलियत के लिए ब्लाकों पर कैंप लगाए जाएंगे। इस योजना में ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर, कान की मशीन, कृत्रिम हाथ-पैर, स्मार्ट केन, कैलीपर आदि मिलता है। आवेदन की पात्रता --

उत्तर प्रदेश निवासी किसी भी आयु वर्ग के दिव्यांगजन आवेदन कर सकते हैं। न्यूनतम 40 प्रतिशत की दिव्यांगता राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत प्राधिकारी द्वारा प्रमाणित की गई हो। आवश्यक कृत्रिम अंग-सहायक उपकरण हेतु चिकित्साधिकारी की संस्तुति होनी चाहिए।

----- योजना के तहत दिव्यांगजनों को सहूलियत देने का प्रयास किया जाता है। दूर-दराज के इलाकों से आने में परेशानी को देखते हुए ब्लाक स्तर पर चिन्हांकन की व्यवस्था बनाई गई है। इसी माह वितरण किया जाएगा।--राजीव कुमार यादव, जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी।

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ट्राई साइकिल मिलने से चट्टी-चौराहों पर जा सकता हूं। अपनी जरूरत के सामान ला सकता हूं। इससे बहुत राहत मिली है।

-संदीप गिरी, दिव्यांगजन।

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