ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में संसाधनों का अभाव, नहीं दे रहे ध्यान

जागरण संवाददाता बलिया कोरोना की संभावित तीसरी लहर से लड़ने के लिए शासन स्तर से संसाधन

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 05:38 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 05:38 PM (IST)
ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में संसाधनों का अभाव, नहीं दे रहे ध्यान
ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में संसाधनों का अभाव, नहीं दे रहे ध्यान

जागरण संवाददाता, बलिया : कोरोना की संभावित तीसरी लहर से लड़ने के लिए शासन स्तर से संसाधन बढ़ाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसको लेकर जिला मुख्यालय पर तो मुकम्मल इंतजाम किए जा रहे हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों पर कोई ध्यान नहीं है। सुविधाएं बढ़ाने के नाम पर सिर्फ कोरम पूरा किया जा रहा है। वर्षों पहले जो बेड थे, वही बेड आज भी हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 30 व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चार बेड हैं। कुछ स्थानों पर आक्सीजन की पाइप फिट की जा रही है, लेकिन यह कार्य भी ठीक तरीके से नहीं किया जा रहा है। बैरिया तहसील क्षेत्र के सभी अस्पतालों की पड़ताल करने पर सीएचसी सोनबरसा को छोड़कर अन्य कोई अस्पताल कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने में सक्षम नहीं दिख रहे हैं। कहीं चिकित्सकों के अभाव में अस्पतालों में ताला बंद है तो कहीं सामान्य सुविधाओं का अभाव है। --चार लाख की आबादी के लिए है यह इंतजाम

बैरिया तहसील क्षेत्र की आबादी लगभग चार लाख है। इसके उपचार के लिए सीएचसी सोनबरसा में संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं। आक्सीजन प्लांट भी स्थापित किया जा रहा है। 30 आक्सीजनयुक्त बेड में से 10 आईसीयू बेड भी स्थापित किए जा रहे हैं, लेकिन इतनी बड़ी आबादी के लिए यह व्यवस्था पर्याप्त नहीं है। अन्य स्थानों के अस्पतालों की स्थिति ठीक नहीं है। जयप्रकाशनगर में सीएचसी के भवन में पीएचसी संचालित किया जा रहा है। इस अस्पताल में अभी तक एक फ्रीजर तक नहीं दिया गया है। आक्सीजन की पाइप लगाने के लिए कुछ कार्य हुआ है, लेकिन अभी आक्सीजन कसंट्रेटर या आक्सीजन सिलेंडर नहीं पहुंचा है। चिकित्सक भी आबादी के सापेक्ष कम हैं। इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरलीछपरा, नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बहुआरा, नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दुबेछपरा व बलिहार में तीसरी लहर से लड़ने के लिए संसाधन नहीं बढ़ाए जा रहे हैं। --कर्ण छपरा व चांददियर के अस्पताल में लटका ताला

नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कर्णछपरा व चांददियर में चिकित्सकों के अभाव में ताला लटका हुआ है। कोरोना की दूसरी लहर में व्यापक जनहानि के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अभी भी सचेत नहीं दिख रहे हैं। ये दोनों अस्पताल यदि ठीक तरीके से संचालित होने लगें तो लगभग 60 हजार की आबादी को उपचार का लाभ मिल सकता है, लेकिन लोगों की मांग के बावजूद विभाग के जिम्मेदार इस पर लंबे समय से ध्यान नहीं दे रहे हैं।

---------------------- नंबर गेम 02 : ब्लाक स्तरीय पीएचसी

05 : नवीन पीएचसी

02 : सीएचसी

02 : नवीन पीएचसी चिकित्सकों के अभाव में बंद

------------ -------वर्जन------

जिले में अभी मैं नया आया हूं। हर क्षेत्र में भ्रमण कर अस्पतालों का जायजा ले रहा हूं। जहां भी संसाधन कम हैं वहां संसाधन तत्काल बढ़ाए जाएंगे। कोरोना की तीसरी लहर कभी भी आ सकती है। इसके लिए चिकित्सकों को भी प्रशिक्षित किया गया है। किसी को भी डरने की नहीं, सावधान रहने की जरूरत है।

--डा. तन्मय कक्कड़, सीएमओ।

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