सुविधाओं का घोर अभाव, भर्ती नहीं किए जाते मरीज

जागरण संवाददाता रसड़ा (बलिया) कोरोना संक्रमण के दौर में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 04:57 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 04:57 PM (IST)
सुविधाओं का घोर अभाव, भर्ती नहीं किए जाते मरीज
सुविधाओं का घोर अभाव, भर्ती नहीं किए जाते मरीज

जागरण संवाददाता, रसड़ा (बलिया) : कोरोना संक्रमण के दौर में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खुल रही है। स्वास्थ्य केंद्रों पर खामियां सामने आ रहीं हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रसड़ा भी सिर्फ नाम का अस्पताल रह गया है। यहां मरीजों के इंतजार में मानों बेड भी थक गए हैं। इसके पीछे वजह है कि यहां मरीजों को भर्ती ही नहीं किया जाता है। कहने को स्टाफ की कमी नहीं है लेकिन सुविधाओं का घोर अभाव है। कोई भी गंभीर मरीज पहुंचने पर उसे रेफर कर दिया जाता है। एक्स-रे मशीन व आरओ प्लांट महीनों से खराब पड़े हैं। मरीजों को बाहर से जांच करानी पड़ती है जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।

सात अक्टूबर 1989 को रसड़ा सीएचसी की नींव रखी गई थी। शुरुआत से ही देखरेख के अभाव में यह अस्पताल बदहाली की राह पर चल पड़ा। तीन दशक बाद भी सीएचसी दु‌र्व्यवस्था का शिकार है और बेबसी पर आंसू बहा रहा है। यहां आधुनिक संसाधनों का अभाव है। अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं है। कई कमरों में पंखे खराब हैं या गायब कर दिए गए हैं। 30 बेड वाले सीएचसी पर कोरोना की तीसरी लहर को लेकर विशेष इंतजाम नहीं होने से लाखों की आबादी प्रभावित हो रही है। नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों का इलाज भगवान भरोसे ही चल रहा है।

---------------- किसी ने नहीं उठाई जहमत, नासूर बनीं समस्याएं

स्वास्थ्य विभाग सहित सांसद व विधायकों ने भी इस अस्पताल की कभी सुध लेने की जहमत नहीं उठाई। नतीजतन यहां की समस्याएं नासूर बनती चली गईं। बारिश के दिनों में सीएचसी परिसर में जलभराव हो जाता है। लाखों की लागत से तैयार चिकित्सक आवास की बाउंड्री नहीं बन सकी है। यह चारागाह बनकर रह गया है।

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कोट--

सीएचसी को बेहतर बनाने के लिए कई पर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। उपलब्ध संसाधनों से मरीजों का उपचार किया जा रहा है। आधुनिक संसाधन उपलब्ध होते ही स्थितियों में बदलाव आएगा।--डा. वीरेंद्र कुमार, अधीक्षक सीएचसी रसड़ा

-------------- स्वीकृत पद और तैनाती :

चिकित्सक : सात पद, सात की तैनाती

फार्मासिस्ट : चार पद, चार की तैनाती

स्टाफ नर्स : नौ पद, पांच स्थायी और चार संविदा

एलटी संविदा : तीन पद, तीन की तैनाती

वार्ड ब्वाय : तीन पद, तीन की तैनाती

स्वीपर : एक पद, एक की तैनाती

एक्स-रे सहायक : एक पद, एक की तैनाती

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