कोरोना मरीजों के लिए बढ़े संसाधन, 11 वेंटिलेटर शुरू

11 वेंटिलेटर चालू पहले एक भी नहीं 262 आक्सीजन बेड पहले 170 355 सामान्य बेड

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 06:51 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 06:51 PM (IST)
कोरोना मरीजों के लिए बढ़े संसाधन, 11 वेंटिलेटर शुरू
कोरोना मरीजों के लिए बढ़े संसाधन, 11 वेंटिलेटर शुरू

नंबर गेम

11 : वेंटिलेटर चालू, पहले एक भी नहीं

262 : आक्सीजन बेड, पहले 170

355 : सामान्य बेड, पहले 305

05: कोविड अस्पताल, पहले 04

01: आक्सीजन जेनरेटर से किल्लत हुई दूर

87 : आक्सीजन कंसंट्रेटर, पहले 25

125 : आक्सीजन सिलेंडर जंबो जागरण संवाददाता, बलिया : जिले में अब आक्सीजन की किल्लत से किसी की मौत नहीं होगी। पर्याप्त संसाधन स्वास्थ्य विभाग के पास हैं। आक्सीजन जेनरेटर चालू होने से समस्या पर विराम लगा है। कोरोना के बढ़ते मरीजों और हो रही मौतों ने सबको झकझोर दिया था। जिले में वेंटिलेटर होने के बाद भी चालू नहीं हो पा रहा था। इसका मुख्य कारण प्रशिक्षित कर्मचारी का नहीं होना था। समस्या को दूर करने के लिए प्रशासनिक अमले ने रूचि दिखाई तो अब सब कुछ पटरी पर आता दिखाई दे रहा है। आक्सीजन जेनरेटर भी लग गया। आक्सीजन बेडों की संख्या में इजाफा किया गया। बसंतपुर एल-2, शांति नर्सिंग होम के अलावा फेफना स्वास्थ्य केंद्र को कोविड अस्पताल बनाया गया। सीयर व सिकंदरपुर को बनाने कोविड अस्पताल बनाने की तैयारी अंतिम चरण में है। इससे मरीजों के इलाज में कोई दिक्कत नहीं होगी। पहले आक्सीजन बेड अपने यहां 170 थे, कोरोना की दूसरी लहर में इसे बढ़ाकर 262 बेड किए गए। आरटीपीसीआर लैब का ट्रायल शुरू

पिछले साल कोरोना काल में बनकर तैयार आरटीपीसीआर लैब भी चालू हो जाएगा। अभी तक कोविड जांच के लिए गोरखपुर या वाराणसी पर जिले को निर्भर होना पड़ता था। इसके कारण जांच रिपोर्ट तीन दिन बाद आती थी। इसके चालू होने से एक दिन में ही रिपोर्ट मिल जाएगी। इसमें ट्रायल दो दिनों से शुरू हो गया है। आक्सीजन में हो गया आत्मनिर्भर

जिला अस्पताल में लगे आक्सीजन जेनरेटर से प्रतिदिन दस हजार लीटर आक्सीजन उत्पादन होगा। यह आधुनिक मशीन वातावरण में फैले आक्सीजन से 70 प्रतिशत शुद्ध आक्सीजन फिल्टर कर स्टोर करेगा। इससे जिला अस्पताल आक्सीजन को लेकर पूरी तरह आत्मनिर्भर हो जाएगा। यह एक मिनट में दो सौ लीटर शुद्ध आक्सीजन स्टोर करेगी। एक दिन में करीब दस हजार लीटर स्टोर करने की क्षमता इस आधुनिक मशीन में है। मशीन 24 घंटे में करीब 500 जंबो (बड़ा) आक्सीजन सिलेंडर भरे जा सकते हैं।

कोरोना मरीजों को किसी प्रकार की अब दिक्कत नहीं होगी। आवश्यक संसाधन की व्यवस्था हो गई है। अक्सीजन की किल्लत दूर होने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी। कोविड अस्पताल और बनाने की योजना पर काम चल रहा है। जल्द ही इसे मूर्त रूप दिया जाएगा। आरटीपीसीआर चालू होने से जांच भी जल्द होगी।

-डा. राजेंद्र प्रसाद, मुख्य चिकित्साधिकारी।

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