हाई कोर्ट ने खत्म की उम्र कैद की सजा, परिवार में खुशी

जागरण संवाददाता रेवती (बलिया) इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 14 साल से हत्या के मामले में आजीवन क

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Mar 2021 06:15 PM (IST) Updated:Sat, 06 Mar 2021 06:15 PM (IST)
हाई कोर्ट ने खत्म की उम्र कैद की सजा, परिवार में खुशी
हाई कोर्ट ने खत्म की उम्र कैद की सजा, परिवार में खुशी

जागरण संवाददाता, रेवती (बलिया):

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 14 साल से हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे मुकेश तिवारी को बरी कर दिया है। इस फैसले से मुकेश तिवारी निवासी रेवती की मां राजबढंती देवी व पिता रामप्रवेश तिवारी की आंखों में खुशी के आंसू हैं, वहीं पत्नी लक्ष्मी देवी के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है। अब मुकेश के सोमवार को घर लौटने का इंतजार है। मामले में दो अन्य आरोपितों इंद्रजीत मिश्र व संजीव मिश्र को भी अदालत ने बरी किया है। दोनों पहले से जमानत पर बाहर हैं।

यह फैसला न्यायमूर्ति मनोज मिश्र व न्यायमूर्ति एसके पचौरी की खंडपीठ ने मुकेश तिवारी, इंद्रजीत मिश्र व संजीत मिश्र की अपील को स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि सत्र न्यायालय ने बिना ठोस सुबूतों के सजा सुनाई थी। घटना के समय चश्मदीद गवाहों की मौजूदगी संदेहास्पद है। अभियोजन आरोप साबित करने में विफल रहा है। मुकेश विवाह के छह माह बाद ही जेल चले गए। मगर लक्ष्मी देवी को पति की बेगुनाही का भरोसा था। उन्होंने बड़े साहत और धैर्य से परिवार को संभाला और सास-ससुर की देखभाल की। मुकेश को जुलाई 2016 में दो माह की पैरोल मिली थी। इसके बाद पत्नी लक्ष्मी को एक बच्ची पैदा हुई जो पौने चार साल की हैं। 2007 में नगर के वार्ड तीन में प्रताप शंकर मिश्र उर्फ भोदू की जमीनी विवाद में हत्या हुई थी। उनकी पत्नी मनोरमा ने मुकेश के साथ अपने चचरे ससुर के लड़के इंद्रजीत मिश्र व संजीव मिश्र को आरोपित बनाया था।

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